कोरबा । जिले में काम कर लौटते ही एक वाहन चालक की तबीयत बिगड़ गई। उसे तेज बुखार के साथ हाथ, पैर में दर्द होने लगा। उसकी सेहत में सुधार नही होने पर परिजनों ने इलाज के लिए उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया, जहां आईसीयू में चार दिनों तक चले इलाज के बाद भी उसकी जान नही बचाई जा सकी। जानकारी के अनुसार कुसमुंडा थानांतर्गत प्रेमनगर में धनेश दास नामक युवक 63 वर्ष परिवार सहित निवास करता था। वह कुसमुंडा खदान में नियोजित एक निजी कंपनी में बतौर वाहन चालक काम करता था। उसे चार दिन पहले परिजनों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल दाखिल कराया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
अपने पिता की मृत्यु की वजह पुत्र ने लू को बताया है। उसने बताया कि उसके पिता नौतपा में भी भीषण गर्मी के बीच काम कर रहे थे। वे तेज धूप के बीच वाहन चलाकर घर लौटे। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें सुबह शाम तेज बुखार के साथ हाथ पैर में दर्द होने लगा। इलाज के बाद भी उनकी सेहत में सुधार नही हो सका। लिहाजा उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल दाखिल कराया गया, जहां पिता को बीते चार दिन से आईसीयू में रख इलाज किया जा रहा था। इसके बाद भी उनकी जान नही बचाई जा सकी। देर रात इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। उसका कहना है कि पिता को किसी तरह की बीमारी नही थी। उनकी तबीयत तेज गर्मी के कारण ही बिगड़ी थी। मामले को मेडिकल कॉलेज के सह अधीक्षक डॉ. रविकांत जाटवर के संज्ञान में लाया गया। उन्होंने वृद्ध की मौत को लेकर उपचार करने वाले चिकित्सक से चर्चा की। तत्पश्चात बताया कि वृद्ध को चार दिन पहले दाखिल किया गया था। उसका उपचार आईसीयू में रख किया जा रहा था। उसकी मौत निमोनिया की वजह से हुई है।