
पटना, २५ जुलाई ।
बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरी दिन सदन में नीतीश कुमार को गुस्सा आ गया। आरक्षण पर भाषण देते हुए नीतीश कुमार राजद की महिला विधायक रेखा कुमारी पर भडक़ गए। उन्होंने तल्ख लहजे में पूछा, अरे तुम महिला हो, कुछ जानती भी हो। सीएम के बयान पर अब राजद नेत्री रोहिणी आचार्य ने हमला बोला है।रोहिणी आचार्य ने एक्स हैंडल पर लिखा- डर लगता है… आंख की गोटी बाहर निकालकर चीखने-चिल्लाने के चक्कर में दिमाग की नस न फट जाए कहीं किसी दिन मौकापरस्ती के शहंशाह की… बढ़ती उम्र के साथ-साथ दौरे पडऩे का सिलसिला भी बढ़ता जा रहा है। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा, स्व-महिमामंडित व सिर्फ और सिर्फ स्वहित, स्वार्थ- संक्रमित अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने वाली एक अनैतिक सत्तालोलुप शख्सियत को एक अनुसूचित जाति की माननीया विधायिका का वाजिब बोलना नागवार गुजरा और फिर जिस लहजे में पद व सदन की गरिमा को ताख पर रखते हुए माननीय विधायिका को संबोधित किया गया, उसे अगर कोई जायज ठहरता है, तो उसे तत्काल मानसिक-चिकित्सक के परामर्श की जरूरत है। उन्होंने आगे लिखा, ऐसा पहली दफा नहीं हुआ है, अनैतिक सत्ताधारी गठबंधन के शीर्ष के लोगों के द्वारा महिलाओं के बारे में अभद्र-अमर्यादित टिप्पणियों-बयानों की एक परिपाटी ही बना दी गई है।
ऐसे बयानों की लंबी लिस्ट है, जिनसे बिहार के साथ-साथ सदन की गरिमा भी तार-तार हुई है। रोहिणी आचार्य ने लिखा, महिलाओं के ज्ञान को कमतर आंकने वालों, नारी-अस्मिता की कद्र नहीं करने वालों के हाथों में माता जानकी की जन्मस्थली बिहार की कमान है, इससे ज्यादा अफसोस और दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है। उन्होंने यह भी लिखा कि जिन लोगों के संरक्षण में, जिनकी सरपरस्ती में मुजफ्फरपुर – महापाप को अंजाम दिया गया, मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर सडक़ों पर घुमाए जाने जैसे कुकृत्य पर जिनके मुंह से निंदा-भर्त्सना का एक शब्द नहीं निकला, उनसे/उससे महिला-सम्मान की अपेक्षा रखना जहरीले नाग को जेब में रख कर नहीं डसे जाने के प्रति आश्वस्त होने जैसा है।