
नईदिल्ली, 0६ जुलाई ।
वरिष्ठ वकील और भाजपा नेता महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया है कि चीन से ताल्लुक रखने वाले एक अमेरिकी व्यवसायी ने हिंडनबर्ग रिसर्च से एक रिपोर्ट बनवाई थी, जिसके चलते पिछले साल अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट आई। उन्होंने दावा किया कि किंगडन कैपिटल मैनेजमेंट एलएलसी के पीछे अमेरिकी व्यवसायी मार्क किंगडन हैं और इन्होंने ही हिंडनबर्ग रिसर्च से रिपोर्ट बनवाई थी। जेठमलानी ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट में आरोप लगाया, जासूस अनला चेंग और उनके पति मार्क किंगडन ने अदाणी समूह की कंपनियों पर एक रिपोर्ट को हिंडनबर्ग रिसर्च से तैयार कराया और बाद में अदाणी के शेयरों को शॉर्ट सेल करने और भारतीय खुदरा निवेशकों की कीमत पर लाखों का मुनाफा कमाने के लिए कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (केएमआईएल) का इस्तेमाल ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए किया।
महेश जेठमलानी ने अपने पोस्ट में अनला चेंग को स्मोकिंग गन कहा है। चेंग एक चीनी-अमेरिकी हैं। उनकी किंगडन मास्टर फंड में बड़ी हिस्सेदारी है और अमेरिका में चीनी हितों के लिए लॉबिंग करती हैं।
जेठमलानी ने कहा है कि किंगडन ने कोटक की अंतरराष्ट्रीय निवेश शाखा कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (केएमआइएल) से संपर्क किया। इसके बाद एक आफशोर फंड के साथ-साथ अदाणी शेयरों में व्यापार के लिए आफशोर अकाउंट भी खोले। इसके चलते कोटक इंडिया आपच्र्युनिटी फंड (केआइओएफ) बनाया गया। हिंडनबर्ग रिपोर्ट तैयार होने से पहले केआईओएफ ने मॉरीशस मार्ग से अदाणी शेयरों में बड़ी शार्ट-पोजिशन ली। व्यापार के लिए चार करोड़ डॉलर की राशि किंगडन के मास्टर फंड द्वारा प्रदान की गई, जिसका स्वामित्व अनला चेंग सहित किंगडन परिवार के पास है। शॉर्ट-सेलिंग के माध्यम से किंगडन ने अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों के बाजार पूंजीकरण को कम करने और भारतीय खुदरा निवेशकों को महत्वपूर्ण नुकसान की कीमत पर लाखों डालर कमाए गए।उन्होंने पूछा कि किंगडन को केएमआईएल से किसने मिलवाया। किंगडन के संबंध में केएमआईएल ने क्या जांच-पड़ताल की और क्या उसने शॉर्ट सेल में भाग लिया था।
दूसरे सवाल में उन्होंने पूछा, क्या हिंडनबर्ग की मदद करने वाले सभी भारतीय लोगों, संगठनों और संस्थाओं को शॉर्ट-सेलंग के बारे में पता था और क्या उन्हें इससे कोई फायदा हुआ।तीसरे सवाल में जेठमलानी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए विशेष रूप से राजनेताओं का उल्लेख किया, जिन्होंने कई मौकों पर अदाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे का इस्तेमाल समूह और सरकार को निशाना बनाने के लिए किया है। जेठमलानी ने यह भी पूछा कि क्या इन लोगों और संस्थाओं को चीनी लिंक के बारे में पता था।