
बुधवार की शाम 5 बजे थम जाएगा चुनाव प्रचार
कोरबा। दूसरे चरण में कोरबा जिले की चार विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा। इससे पहले बुधवार यानि 15 नवंबर की शाम 5 बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा। इन चार सीटों के लिए कुल 51 प्रत्याशी मैदान में डटे हुए हैं जिनके सामने हर मतदाता तक किसी भी तरीके से पहुंचने की चुनौती है। प्रत्याशियों के साथ-साथ उनके लिए काम करने वाला वर्ग संदेश भिजवाने में लगा हुआ है।
जिले में सर्वाधिक 20 प्रत्याशी शहरी विधानसभा कोरबा में शामिल हैं। जबकि कटघोरा विधानसभा में प्रत्याशियों की संख्या 15 है। पाली तानाखार और रामपुर विधानसभा क्षेत्र से 9 लोग उम्मीदवार मैदान में उपस्थित हैं। इस तरह से कुल 51 प्रत्याशियों के भाग्य का निर्धारण जिले के 9 लाख 18 हजार 84 मतदाता करेंगे। इनमें से पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या ज्यादा है। कोरबा विधानसभा में कांग्रेस के जयसिंह अग्रवाल, भाजपा के लखनलाल देवांगन, आम आदमी पार्टी के इंजीनियर विशाल केलकर और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राजकुमार दुबे मुख्य प्रत्याशी हैं। इनके अलावा क्षेत्रीय दल और निर्दलीय से 16 प्रत्याशी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। कटघोरा में कांग्रेस के पुरुषोत्तम कंवर और भाजपा के प्रेमचंद पटेल के बीच मुख्य रूप से मुकाबले की स्थिति बनी हुई है। भूविस्थापितों की राजनीति करने के साथ पहली बार चुनावी पीच पर आए छत्तीसगढ़ जोहार पार्टी के सुरेंद्र सिंह राठौर भी मुकाबले को रोचक बनाने में लगे हुए हैं। इनके अलावा 12 अन्य प्रत्याशी अपने पाले के वोट हासिल करने के लिए प्रयास में जुटे हुए हैं। वहीं रामपुर में पूर्व गृहमंत्री और भाजपा प्रत्याशी ननकीराम कंवर के सामने कांग्रेस के फूलसिंह राठिया और बसपा के जगतराम राठिया बने हुए हैं। उधर पाली तानाखार में पूर्व विधायक और भाजपा प्रत्याशी रामदयाल उइके के सामने गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर सिंह मरकाम व कांग्रेस की दुलेश्वरी सिदार मुकाबले में हैं। चुनावी शोरगुल थमने से पहले प्रत्याशियों ने अपने दौरों की संख्या तेज कर दी है। विधानसभा क्षेत्र के हर कोने तक पहुंचने और मतदाताओं से संपर्क बनाने के साथ समर्थन जुटाने की इनकी कोशिशें जारी है जो हर हाल में मतदान संपन्न होने तक चलती रहेंगी। हर प्रत्याशी के साथ-साथ उने रणनीतिक प्रबंधक से लेकर जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या इस बात को लेकर प्रयत्नशील है कि अपनी नीति, मुद्दे और आसपास में जो कुछ चल रहा है उस आधार पर लोगों का विश्वास जीता जा सके। 15 नवंबर की शाम 5 बजते ही हर तरफ चुनावी भोंपू बंद हो जाएगा और इसके बाद केवल 24 घंटे प्रत्याशियों को पूरी मेहनत यहां-वहां जनसंपर्क करने में लगानी होगी।
बड़े नेताओं का सहारा
विधानसभा चुनाव को राजनीतिक दल के साथ-साथ उनके प्रत्याशी काफी गंभीरता से ले रहे हैं। दरअसल इसके साथ वर्चस्व कायम रखने और इलाके में लोगों के भरोसे को लोकसभा चुनाव के लायक मजबूत बनाए रखने की सबसे बड़ी चुनौती भी है। शायद यही कारण है कि भाजपा ने चुनावी दौर में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सभा कराई है तो अंतिम दिवस गृहमंत्री अमित शाह ओपन थिएटर में सभा लेंगे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री और अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी का दौरा तय था लेकिन तकनीकी कारणों से वह रद्द हो गया। पूरे चुनावी दौर में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े व प्रदेश प्रभारी शैलजा का आगमन हुआ जिन्होंने लोगों के समक्ष अपनी बात रखी। आम आदमी पार्टी व अन्य दलों ने इस मामले में बहुत ज्यादा रूचि नहीं ली।
1081 मतदान केंद्र जिले में
चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने जिले भर में 1081 मतदान केंद्र बनाए हैं। इनमें सीमित संख्या संवेदनशील केंद्रों की है। इन स्थानों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।