
नईदिल्ली, 0८ मई ।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा चुनाव के दो चरणों के मतदान के आंकड़े जारी करने में चुनाव आयोग की देरी पर सवाल उठाते हुए विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन के नेताओं को पत्र लिख चुनाव आयोग की स्वतंत्र कार्यप्रणाली की रक्षा करने के लिए सामूहिक आवाज उठाने की जरूरत बताई है। वोटिंग आंकड़े में विलंब के साथ ही चुनाव क्षेत्र के पंजीकृत मतदाताओं और मतदान करने वाले लोगों का आंकडा जारी नहीं करने पर चिंता जताते हुए आयोग से इसका कारण पूछा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा हम सभी जानते हैं कि पहले दो चरणों में मतदान के रुझान और कमजोर होते चुनावी भविष्य से पीएम मोदी और भाजपा किस तरह घबराए हुए और निराश हैं। पूरा देश जानता है कि सत्ता के नशे में चूर एक निरंकुश शासन कुर्सी पर बने रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। आईएनडीआईए के वरिष्ठ नेता शरद पवार को लिखे पत्र की प्रति खरगे ने अपने एक्स पोस्ट पर जारी की। खरगे ने कहा कि हालिया घटनाक्रम से जाहिर है कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। तीसरे चरण की अंतिम पंजीकृत मतदाता सूची भी जारी नहीं की गई। खरगे ने आरोप लगाया है कि इससे चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर संशय के काले बादल मंडरा रहे हैं और अपने 52 साल के चुनावी जीवन में कभी भी अंतिम प्रकाशित आंकड़ों में मतदान प्रतिशत में इतनी अधिक वृद्धि उन्होंने नहीं देखी है। खरगे ने पूछा कि क्या ईवीएम को लेकर कोई समस्या है। पहले चरण के लिए मतदान की समाप्ति की तारीख और आंकड़ा जारी करने में हुए विलंब तक मतदान प्रतिशत में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि क्यों हुई है। मतदान आंकड़े में संसदीय क्षेत्र और संबंधित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए वोट जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ें क्यों नहीं जारी किए गए हैं। खरगे ने कहा है कि आयोग के अनुसार उम्मीदवारों के पोङ्क्षलग एजेंटों के पास प्रत्येक मतदान केंद्र का सटीक मतदाता डेटा होता है। इसका मतलब है कि आयोग के पास यह आंकड़ा है तो फिर लोगों के लिए प्रकाशित करने से क्या रोक रहा है।
क्या चुनाव आयोजन की बुनियादी बातों में इस घोर कुप्रबंधन के लिए चुनाव आयोग को जवाबदेह बनाया जाएगा। इन सवालों के साथ खरगे ने कहा है कि सभी तथ्य हमें एक प्रश्न पूछने के लिए मजबूर करते हैं – क्या यह अंतिम परिणामों से छेड़छाड़ करने का प्रयास हो सकता है। पवार के साथ विपक्षी गठबंधन के सभी नेताओं से पत्र में खरगे ने आग्रह किया है कि सामूहिक रूप से सभी एकजुट होकर स्पष्ट रूप से ऐसी विसंगतियों के खिलाफ आवाज उठाएं क्योंकि हमारा एकमात्र उद्देश्य एक जीवंत लोकतंत्र की संस्कृति और संविधान की रक्षा करना है।