रांची, 2९ अक्टूबर ।
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने रांची में ताबड़तोड़ छापामारी की है। ईडी ने शराब घोटाले मामले में आईएएस अधिकारी विनय चौबे के ठिकाने समेत 15 जगहों पर छापामारी की है। वरिष्ठ वरिष्ठ आईएएस विनय चौबे के अलावा उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह और संबंधित अधिकारियों के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के ठिकानों पर छापामारी की गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू ने पहले ही इस मामले में उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
रांची के विकास कुमार ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था। जिसके बाद रायपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई। आवेदन में कहा गया था कि शराब घोटाले की पूरी साजिश रायपुर में ही रची गई थी और आबकारी नीति में फेरबदल कराया गया। आरोप है कि छत्तीसगढ़ में नकली होलोग्राम लगाकर पूरे राज्य में शराब की सप्लाई की गई थी। उसी तरह से झारखंड में भी नकली होलोग्राम लगाकर शराब की सप्लाई की बात कही गई है। आरोप है कि नकली होलोग्राम पर लगातार शराब बेची गई है। इसका हिसाब भी नहीं है। प्रिज्म होलोग्राम एंड फिल्म सिक्योरिटी लिमिटेड को शराब की बोतलों में होलोग्राम छापने का काम मिला था। इसी तरह मेसर्स सुमित फैसिलिटीज लिमिटेड को मैन पावर सप्लाई की जिम्मेदारी मिली थी। तीनों ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपित भी हैं। इनके विरुद्ध जांच के क्रम में झारखंड का कनेक्शन जुड़ा था। झारखंड में इन तीनों ही कंपनियों पर कार्रवाई हो चुकी है। मेसर्स प्रिज्म पर होलोग्राम छापने पर रोक लगा दी गई थी और उसे ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया था। दूसरी कंपनी मेसर्स सुमित फैसिलिटीज को राजस्व पूरा नहीं कर पाने की वजह से कंपनी की बैंक गारंटी को जब्त कर लिया गया था।