
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री आवास में मारपीट की घटना को लेकर चुप्पी तोड़ने वाली स्वाति मालीवाल अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ गई हैं। आप नेता संजय सिंह ने मुख्यमंत्री द्वारा घटना का संज्ञान लेने और विभव कुमार के खिलाफ कार्रवाई का जो भरोसा दिया था, स्वाति की ओर से एफआइआर दर्ज कराते ही टूटता दिखा। पार्टी ने अब स्वाति को भाजपा का मोहरा बता दिया है। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली मालीवाल इंडिया अगेंस्ट करप्शन के साथ जुड़ने के बाद जनलोकपाल आंदोलन में शामिल हुईं। वह आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। पार्टी के प्रति समर्पण को देखते हुए उन्हें 2015 में दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। पार्टी ने इस साल उन्हें राज्यसभा में भेजा है। 31 जनवरी को उन्होंने राज्यसभा के सदस्य के तौर पर शपथ ली थी। एक वीडियो प्रसारित हुआ, जिसे आधार बनाकर आप नेताओं ने मालीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने प्रेसवार्ता कर स्वाति के आरोप को झूठ बताते हुए केजरीवाल के विरुद्ध भाजपा के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगा दिया। 14 मई को प्रेसवार्ता कर मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री आवास में मारपीट की शिकायत की पुष्टि करने वाले संजय सिंह ने भी मुंह मोड़ लिया है। उन्होंने न तो कोई बयान दिया है और न इंटरनेट मीडिया पर कोई पोस्ट। पार्टी के संगठन मंत्री संदीप पाठक ने भी एक्स पर पोस्ट कर कहा- ‘भाजपा की एक और गंदी साजिश सामने आ गई है। अब वह कोई नई साजिश रच रहे होंगे जिसके लिए हम लोग तैयार हैं। भगवान केजरीवाल के साथ हैं।’ आप विधायक नरेश बाल्यान, विनय मिश्रा और दिलीप पांडेय समेत कई ने एक्स पर पोस्ट स्वाति को भाजपा के साथ मिल जाने का आरोप लगाया। नरेश बाल्यान ने पोस्ट में लिखा, ‘पार्टी ने नाम दिया, मान दिया, सम्मान दिया, सड़क से उठा कर देश के सर्वोच्च सदन में बैठा दिया, बदले में पार्टी को क्या दिया? विधायक दिलीप पांडेय ने लिखा, सच के दीये की हल्की सी रोशनी भी, स्वाति के झूठ और दंभ के गहनतम अंधकार को मिटाने के लिए पर्याप्त है। पहले ये तय करो कि वफादार कौन है, फिर वक्त तय करेगा कि गद्दार कौन है।























