लखनऊ, १७ सितम्बर । रेलवे की लापरवाही से हंसता-खेलता एक परिवार पल भर में उजड़ गया। आलमबाग क्षेत्र में निष्प्रयोज्य घोषित हो चुकी सौ साल पुरानी रेलवे कालोनी में आवास की छत ढह गई, जिसके नीचे दबकर एक श्रमिक, उसकी पत्नी तथा तीन बच्चों सहित मौत हो गई। पांच लोगों की मौत से कालोनी में मातम छा गया। हादसे के बाद रेलवे विभाग के अफसरों के कारनामे सामने आ रहे हैं। विभाग द्वारा कंडम घोषित कालोनियों पर दबंगों का कब्जा है। कब्जेदार दबंग बाहरी लोगों को इन जर्जर कालोनियों को किराए पर देकर चार से छह हजार रुपये प्रति माह वसूल रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे अस्पताल के सामने पिंजरे वाली गली के मकानों को भी खाली कराने का आदेश जारी हो गया है। उसके पीछे एक इमारत है जो बहुत ही जर्जर स्थिति में है। रेलवे ट्रिमिंग रोड के नाम से यह कालोनी है। यहां एक दबंग चार से छह हजार रुपये वसूलकर लोगों को किराये पर रखता है। इन कालोनियों में नशे से लेकर कई तरह के अवैध धंधे होते हैं। ऐसा नहीं है कि रेलवे के अधिकारियों को यहां हो रहे अवैध धंधों की खबर नहीं है लेकिन इसके बावजूद रेलवे के अधिकारी इन बिल्डिंग को खाली नहीं करा रहे हैं। रेलवे अस्पताल के सामने पिंजरे वाली गली निवासी मुकेश बहादुर ने बताया कि इमारत इतनी जर्जर है कि इसमें रहने वाला व्यक्ति खौफ में जिंदगी जी रहा है।रेलवे की स्टेशन रोड कालोनी में दो मंजिला इमारत में पेड़ निकल आए हैं। ईंटें आए दिन गिरती रहती हैं। बिल्डिंग के चारों तरफ बड़ी-बड़ी झाडिय़ां उग आई हैं। इसके बाद भी यहां परिवार रह रहा है।आसपास के लोगों ने बताया कि अवैध तरीके से इन लोगों को बसाया गया है। इमारत गिराने का आदेश है, लेकिन अफसरों और दबंगों की मिली-भगत से लोग किराए पर रह रहे हैं। स्टेशन रोड निवासी शकील ने बताया कि कर्मचारी संगठन भी रेलवे की जर्जर इमारतों को किराए पर देकर मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। जब कोई बड़ी घटना होती है तो मामला चर्चा में रहता लेकिन कुछ दिन बाद सब शांत हो जाते हैं।