कोरबा। जिले के रलिया व खैरभवना में तीन महिलाओं को एक दिन में मौत की नींद सुलाने वाला खतरनाक लोनर हाथी काफी दिनों तक जांजगीर व बिलासपुर जिले के जंगलों में विचरण करने के बाद फिर कोरबा जिले में पहुंच गया है। वर्तमान में यह लोनर कटघोरा वनमंडल अंतर्गत पाली रेंज के चेपारानी जंगल में विचरण कर रहा है। लोनर के क्षेत्र में पहुंचने से हडक़ंप मच गया है।
जानकारी मिलते ही वन विभाग सतर्क हो गया है और उसका अमला मौके पर पहुंचकर लोनर की निगरानी में जुट गया है। पाली रेंजर संजय लकड़ा ने बताया कि रात 10.30 बजे यह हाथी चेपारानी के जंगल में अमन ढाबा के पीछे खेत में दिखा जो अभी भी वहां पर मौजूद है। उसके करतला, रंगोले व तेंदूभाठा गांव की ओर बढऩे की संभावना है। ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया है। पाली के साथ-साथ बिलासपुर वनमंडल की टीम भी लोनर की निगरानी के लिए मुस्तैद है जो लगातार नजर बनाए हुए है। अगर पाली से लगे जंगली इलाकों को पार कर हाथी बिलासपुर की सीमा में प्रवेश करता है तो उसे वहां से भी खदेड़ा जाएगा। लोनर ने चेपारानी जंगल में पहुंचने से पहले रास्ते में चेपा गांव में कई ग्रामीणों के फसल को रौंद दिया है। हाथी के इस उत्पात से नुकसानी का आंकलन उसे खदेडऩे के बाद किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि पिछले महीने कटघोरा वन मंडल के ग्राम रलिया और ग्राम खैरभावना में आतंक मचाकर तीन महिलाओं,मवेशी को मौत के घाट उतारने वाला दंतैल हाथी तीन जिलों की सरहद के भीतर घूम रहा है। कोरबा से निकलकर जांजगीर-चांपा जिले के पंतोरा से लगे छाता जंगल में विचरण करता हाथी बिलासपुर जिले के सीपत और आसपास के क्षेत्र के जंगल में पहुंच गया। अब इस इलाके से लगे जंगल के भीतर से होते हुए पाली क्षेत्र के मुनगाडीह के बाद चेपारानी जंगल में पहुंच गया है। इससे पहले सोमवार को सुबह से सिर्फ इसके पैर के निशान ही नजर आ रहे थे लेकिन देर शाम दंतैल को बगदेवा के जंगल में देखा गया। जंगल में हाथी के नजर आते ही एहतियातन बेलतरा सब स्टेशन से बिजली बंद कर दी गई ताकि हाथी करंट की चपेट में ना आने पाए। अंधेरे में रात भर लोनर की निगरानी की जाती रही। आज सुबह फिर एक बार इसका लोकेशन मिला। जिसमें चेपारानी जंगल में ही लोनर विचरण करते हुए दिखाई दिया। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक हाथी को रात में फिर खदेडऩे की कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच कटघोरा वनमंडल के एतमानगर व केंदई रेंज में 48 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। हाथियों के इस दल द्वारा क्षेत्र में लगातार उत्पात मचाकर ग्रामीणों के फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी हाथियों की निगरानी में जुटे हुए हैं फिर भी हाथी लगातार नुकसान पहुंचा दे रहे हैं।