
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों में डूबी रकम को वापस दिलाने के लिए गरियाबंद जिला प्रशासन ने फिर से अभियान शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने निवेशकों से ओरिजनल बॉन्ड पेपर मांगे हैं, ताकि FIR दर्ज कर रकम वापसी की प्रक्रिया शुरू की जा सके। यूपी, हरियाणा, पंजाब, ओडिशा समेत 11 राज्यों की 260 चिट फंड कंपनियों ने जिले के 93,598 लोगों से 181 करोड़ से भी ज्यादा का निवेश करा लिया था। पिछली सरकार ने चिट फंड में डूबी रकम वापस कराने का वादा किया था, लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर सकी। अब जिला प्रशासन ने फिर से इस प्रक्रिया को शुरू किया है। अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने कहा कि डूबी रकम वापसी के प्रकरण में जो खामियां थीं, उन्हें सुलझा लिया गया है। प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करने से पहले जिले के पांच अनुविभागों के एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वे निवेशकों से निवेश रकम के बांड पेपर मंगाएं। इसी बांड के आधार पर चिट फंड कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। फिर संबंधित फर्म की संपत्ति अटैच कर निवेश की गई रकम की वापसी की जा सकेगी। राजिम में सबसे ज्यादा लोग चिट फंड में डूबे हैं। 2021 में, पिछली सरकार ने चिट फंड कंपनियों से रकम वापस दिलाने के लिए आवेदन फार्म जमा कराए थे। इसके मुताबिक, गरियाबंद अनुविभाग में 15,856 निवेशकों ने 24.38 करोड़ निवेश किया खा। वहीं छुरा अनुविभाग में 19,210 लोगों ने 17.90 करोड़, राजिम अनुविभाग में 37,861 लोगों ने 118.26 करोड़, मैनपुर अनुविभाग में 16,334 लोगों ने 14.31 करोड़ और देवभोग अनुविभाग में 6.83 करोड़ का निवेश किया है। अपर कलेक्टर ने निवेशकों से अपील की है कि वे अपने ओरिजिनल बांड पेपर नजदीकी एसडीएम कार्यालय अथवा तहसील कार्यालय में जमा कराएं। जितना जल्दी बांड जमा होंगे, उतनी जल्दी वापसी की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।