जांजगीर-चांपा दिवाली के बाद अब छठ पर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पूर्वांचल के लोग छठ घाटों की साफ-सफाई के लिए जुटे हैं। चांपा, जांजगीर सहित अकलतरा में पर्व खास उत्साह के साथ मनाया जाएगा। चांपा में छठ पर्व को लेकर अलग-अलग आयोजन होगा। इसको लेकर नगर के लोगों ने लछनपुर के पास बने छठ-घाट की सफाई शुरू कर दी है।
पर्व की शुरुआत पहले दिन नहाय खाय से होगी। छठ उत्सव 4 दिनों तक चलेगा। पहले दिन व्रती स्नान के बाद नए वस्त्र धारण करेंगे। लौकी की सब्जी और चावल चूल्हे पर पकाएंगे। पूजा के बाद उसे प्रसाद रूप में ग्रहण करेंगे। पूजा के िलए चांपा हसदेव के लछनपुर और ढोंगा घाट को पर्व के लिए सजाया जाएगा। घाट को पेंट किया जा रहा है। 7 नवंबर को अस्ताचल सूर्य को पहला अघ्र्य दिया जाएगा। अगले दिन 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को सभी छठ व्रती दूसरा अघ्र्य देंगे। नहाय खाय 5 नवंबर को: नदी स्नान या घर में गंगाजल मिलाकर स्नान के बाद सेंधा नमक के इस्तेमाल से बनी कद्दू की सब्जी, चने की दाल, अरवा चावल का भात, आंवले की चटनी आदि का प्रसाद व्रती ग्रहण करेंगे।
इन तिथियों को ये परंपरा निभाई जाएगी
दवाली सा रहेगा माहौल: छठ पूजा के दौरान अंितम िदन हसदेव नदी के तट पर िदवाली सा दृश्य होगा । घाट की आकर्षक लाइटिंग की जाएगी। व्रती के साथ आए परिजन पटाखे भी फोड़ेंगे। चांपा के अलावा जांजगीर, सक्ती, बाराद्वार सहित अन्य शहरों में व्रती उपवास रखेंगे। उगते सूर्य को अघ्र्य 8 नवंबर को देंगे: 7 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। छठ पूजा के चौथे दिन 8 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा।