रायपुर/दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट बुधवार को छत्तीसगढ़ कोल ब्लॉक मामले में दोषियों को सजा दे सकता है। हाल ही में इस केस में कोर्ट ने ही पूर्व कांग्रेस सांसद विजय दर्डा, और उसके बेटे देवेंद्र दर्डा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और दो वरिष्ठ अधिकारी केएस कोरफा और केसी समरिया, यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और इसके डायरेक्टर मनोज कुमार जायसवाल को दोषी ठहराया था। उस दौरान देश की अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस केस में सीबीआई की तरफ से दोषियों को अधिकतम सजा देने की मांग की गई है। CBI ने कोर्ट में कहा था कि दोषी सेहत का हवाला देकर कम सजा की मांग नहीं कर सकते हैं। क्योंकि सभी दोषियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। बचाव पक्ष ने कहा कि 9 सालों तक चले ट्रायल में दोषी प्रताड़ना झेल चुके हैं, इसलिए सजा कम मिलनी चाहिए।

समझिए क्या है कोल स्कैम जिसमें दोषी पाए गए कांग्रेसी सांसद

🔹दिल्ली की CBI स्पेशल कोर्ट ने छत्तीसगढ़ कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले के सभी 7 आरोपियों को दोषी ठहरा दिया था। स्पेशल जस्टिस संजय बंसल ने इन्हें आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी करने का दोषी पाया था।
🔹पहले हुई सुनवाई में CBI ने कोर्ट को बताया कि जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक गलत फैक्ट्स पेश करके हासिल किया था। जांच एजेंसी ने बताया कि कोयला घोटाले से जुड़े मामलों में 13वीं बार दोष सिद्ध हुआ है। JLD यवतमाल कंपनी को छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था। यह आवंटन कंपनी के मालिक की सिफारिश पर हुआ था।
🔹विपक्षी दलों ने मामले में अनियमितताओं का आरोप लगाया था, जिसके बाद सीबीआई को इसकी जांच सौंप दी गई थी। एजेंसी के मुताबिक, JLD यवतमाल समूह की कंपनियों को साल 1995 से 2005 के बीच चार कोल ब्लॉक आवंटन की बात छिपाई गई थी। इससे कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितता हुई थी। जिस कोल ब्लॉक की इस घोटाले में बात हुई है वो कोरबा और रायगढ़ जिले में स्थित मांड-रायगढ़ कोयला क्षेत्र का हिस्सा है।

छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल
इस मामले में भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने हाल ही में कहा था- दिल्ली की स्पेशल कोल कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक के आवंटन में बरती गई अनियमितता को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। आरोपी दोषी पाए गए थे। पहले भी 1 लाख 76 हजार करोड़ का कोयला घोटाला किया गया, जिसे भाजपा ने उजागर किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉल ब्लॉक निरस्त कर पॉलिसी को बदला।