
अंबाला, २१ नवंबर । लोकसभा सीट अंबाला (अनुसूचित जाति आरक्षित) सीट को रिक्त हुए छह माह हो चुके हैं, लेकिन अभी तक सांसद का उपचुनाव नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि अंबाला लोकसभा सीट सांसद रहे रतन लाल कटारिया निधन के बाद से यह सीट खाली है। ऐसे में अब नए सांसद के लिए छह माह का और इंतजार करना होगा।रतन लाल कटारिया 2019 में जीते थे, जबकि वे जुलाई 2021 तक केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे। गत 6 महीने से अंबाला संसदीय सीट पर उपचुनाव होना हैरानी भरा है। हालांकि हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी कह चुके हैं कि अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा। अब अप्रैल-मई 2024 में निर्धारित लोकसभा चुनावों के दौरान ही अंबाला सीट पर चुनाव होगा। साढ़े 29 वर्ष पूर्व अप्रैल 1994 में जब अंबाला लोकसभा सीट से तत्कालीन सांसद कांग्रेस के राम प्रकाश का निधन हुआ था, तब भी पूरे दो वर्षों पर उपचुनाव नहीं कराया गया था। हालांकि तब कानून में सांसद के निधन के 6 महीने में उपचुनाव कराने का प्रावधान नहीं था जो वर्ष 1996 में डाला गया था।अंबाला उपचुनाव न होने से इस लोकसभा हलके में विकास कार्यों के लिए अंबाला लोकसभा सांसद को एमपीलैड्स (संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना) के अंतर्गत वार्षिक स्वीकृत होने वाले 5 करोड़ रुपये नहीं मिल सकेंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत ने बताया कि भारतीय चुनाव आयोग यानी मुख्य चुनाव आयुक्त और 2 चुनाव आयुक्तों सहित आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारियों को ज्ञापन दिया गया। इसके बाद नोटिस भी भेजकर अंबाला संसदीय सीट पर उपचुनाव करवाने को लिखा था, जबकि चुनाव आयोग से कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि आरटीआइ में यह जवाब मिला है कि उपचुनाव का विषय विचाराधीन है। ——————-
























