रामानुजगंज। नगर के निजी शैक्षणिक संस्था के कक्षा 11वीं 12वीं के बच्चे आपस में ही मामूली बात को लेकर भीड़ गए स्थिति ऐसी हो गई की दोनों पक्षों के बीच हिंसक झडक़ होने लगी। एक पक्ष के द्वारा तो हाथ में फाइटर लगाकर मारे जाने लगा गनीमत रहेगी तत्काल सूचना भाजपा युवा मोर्चा के नेताओं को लगी तो वे मौके पर पहुंचे एवं स्थिति को संभाला घटना में एक छात्र के चेहरे पर चोट लगी।
हिंसक मारपीट देखकर बच्चे एवं अभिभावक के साथ-साथ स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाएं भी सहम गए हैं। आज नगर के एक निजी शैक्षणिक संस्था में बच्चों के बीच मामूली बात को लेकर आपस में कहा सुनी हो गई थी। दोनों पक्षों ने एक दूसरे को देख लेने की बात एक दिन पूर्व कही थी। आज जब स्कूल प्रबंधन को इसकी जानकारी मिली ही तो स्कूल के प्राचार्या के द्वारा दोनों पक्षों को बैठा कर समझाइए भी दी गई थी एवं आपस में लड़ाई नहीं करने के लिए कहा गया था परंतु स्कूल का छुट्टी होने के बाद जैसे ही दोनों पक्ष के बच्चे सडक़ पर आए तो एक पक्ष के द्वारा हाथ में फाइटर लगाकर दूसरे पक्ष के बच्चों पर ताबड़तोड़ प्रहार कर दिया गया उसे दौरान अन्य बच्चे सहम गए वहीं कुछ अभिभावक भी हक्के-बक्के रह गए तत्काल इसकी सूचना भाजपा युवा मोर्चा के नेताओं को लगी तो वह मौके पर पहुंचे वह स्थिति को संभाला। लड़ाई करने के बाद एक पक्ष के छात्र मोटरसाइकिल से 100 से अधिक स्पीड में अपराधी के समान मौके से भागे। आजकल कक्षा नवमी पढऩे वाले बच्चे भी बाइक से स्कूल जाने लगे हैं ऐसे में नाबालिकों का बाइक चलाना काफी खतरनाक साबित हो सकता है नाबालिक बच्चों पर शख्ती के साथ बाइक पर चलने पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। नाबालिक बच्चे आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं बाइक चलाने के दौरान कर रहे हैं वे अपने घायल हो ही रहे हैं वही दूसरों को भी घायल कर रहे हैं। स्कूल के बच्चों के द्वारा जिस प्रकार से काफी आपत्तिजनक गाली गलौज का प्रयोग करते हुए हाथों में फाइटर लगाकर मारपीट किया जा रहा था बच्चों के हिंसक स्वरूप को देखकर वहां बच्चों को लेने गए अभिभावक भी सहम गए बच्चे भी डर गए थे। स्कूल प्रबंधन को भी समझ में रहा था कि क्या करें गनीमत रही की भाजपा युवा मोर्चा के नेता पहुंचकर स्थिति संभाले। कक्षा नवमी से लेकर 12वीं तक के बच्चों में जिस प्रकार से हिंसक प्रवृत्ति देखी गई वह काफी चिंता का विषय है मामूली कहां सुनी हिंसक झडक़ का स्वरूप ले ली। बच्चे थोड़ी-थोड़ी बात में काफी आक्रामक हो जा रहे हैं एवं आपस में एक दूसरे के लिए घातक साबित हो रहे हैं। हिंसक प्रवृत्ति के बच्चे स्कूल में अन्य बच्चों से व्यवहार काफी खराब रहता है वहीं वे स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ भी व्यवहार खराब करते हैं उनके मन में शिक्षक शिक्षिकाओं के प्रति थोड़ा सा भी सम्मान नहीं रहता। थोड़ी-थोड़ी बात पर शिक्षक शिक्षिकाओ को ही नीचा दिखाने में लगे रहते हैं ऐसे बच्चों का काउंसलिंग कराए जाने का आवश्यकता है।