
कोरिया पांडवपारा। जिला कोरिया के पांडवपारा एसईसीएल द्वारा संचालित डीएवी पब्लिक स्कूल में नई शिक्षा नीति लागू होते ही नर्सरी में दाखिले की उम्र बदल गई।अब तीन से चार वर्ष नर्सरी,चार से पांच एलकेजी व पांच से छह वर्ष उम्र के बच्चे यूकेजी में पढ़ेंगे। लेकिन पांडवपारा स्थित डीएवी विद्यालय में इस साल नर्सरी की कक्षाएं शुरू नहीं हो पाई जिसके कारण तीन से चार वर्ष के बच्चो का प्रवेश नही हो पा रहा है। बताया जाता है इसके लिए भवन सहित अन्य व्यवस्थाएं व शिक्षण सहायक सामग्री भी नहीं है जिसके चलते नर्सरी की कक्षाएं संचालन में इस वर्ष दिक्कत है। जिसके चलते इस सत्र में विद्यालय के प्रारंभिक कक्षा एलकेजी में 4 से 5 वर्ष के बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है।जिससे 3 से 4 वर्ष के बच्चे सहित अभिभावक निराश व चिंतित हैं। सीबीएसई पाठ्यक्रम के विद्यालयों में प्रवेश की प्रकिया इन दिनों शुरू हो गई है।इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि इस बार कहां नर्सरी की कक्षाएं संचालित होंगी या नहीं? पांडवपारा स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में नर्सरी बाल वाटिका इस सत्र में शुरू नहीं हो पाई है। बताया जाता है इस विद्यालय में बाल वाटिका के लिए सिर्फ भवन ही समस्या नहीं,बल्कि शिक्षक,शिक्षण सामग्री,खिलौने सहित कई समस्याएं है।नर्सरी कक्षा संचालन हेतु एसईसीएल प्रबंधन ने समय रहते व्यवस्था बहाल हेतु कोई तैयारी नही की जिसके चलते नर्सरी कक्षा का संचालन इस सत्र में नही हो सकेगा। जिसका खामियाजा विद्यालय प्रबंधन सहित अभिभावक भुगत रहे हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। इस कड़ी में नर्सरी की अब तीन कक्षाएं होंगी। डीएवी में पहले 3 से 4 वर्ष के बच्चे पहले एलकेजी में प्रवेश पाते थे लेकिन नई शिक्षा नीति लागू होते ही अब नर्सरी में प्रवेश पाएंगे। लेकिन नर्सरी क्लास संचालित नहीं होने से वर्तमान सत्र में 4 से 5 वर्ष के बच्चे को एलकेजी में प्रवेश दिया जा रहा है। सीबीएसई पाठ्यक्रम के प्रारंभिक कक्षा अब बाल वाटिका हो गई है। शेष कक्षाओं में पिछली कक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को ही दाखिला दिया जाता है। किसी विद्यार्थी द्वारा स्कूल छोडऩे के कारण सीट रिक्त होने की स्थिति में ही नए स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया जाता है। नर्सरी के लिए स्कूलों को विशेष रूप से कक्षाएं आरक्षित रखनी होंगी। इन्हें बाल मनोविज्ञान के अनुसार डिजाइन किया जाएगा। इसमें बच्चों के लिए खिलौने सहित ऐसी चीजें भी होंगी, जिनके माध्यम से वे खेल-खेल में सीख सकें। कक्षा की दीवारों को भी रंग रोगन के साथ सजाया जाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पहली कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष निर्धारित की गई है। इसके पूर्व छात्रों को तीन वर्ष नर्सरी कक्षाओं में अध्ययन करना होगा। नर्सरी, पीपी 1और पीपी 2 की तर्ज पर ही डीएवी में नर्सरी,एलकेजी और यूकेजी की शुरुआत की गई है। सत्र 2023-24 में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इसे देश के चुनिंदा विद्यालयों में लागू किया गया था। नर्सरी प्रारंभ किए जाने के पूर्व तक डीएवी विद्यालय में प्रवेश के लिए प्रारंभिक कक्षा,एलकेजी थी। डीएवी में इस सत्र से ही नर्सरी की कक्षाए प्रारंभ होंगी।स्कूल प्रबंधन से बातचीत कर अविलंब कक्षा प्रारंभ करेंगे। बी एन झा महाप्रबंधक एसईसीएल बैकुंठपुर एरिया






















