नईदिल्ली, 0३ फरवरी ।
बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। वे महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में नारेबाजी करने वाले विपक्षी दलों के सांसदों से कहा कि यदि जनता ने उन्हें नारे लगाने के लिए भेजा है जो यही काम करें या फिर कार्यवाही चलने दें। दरअसल, बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, इस विषय का उल्लेख राष्ट्रपति महोदया ने अपने अभिभाषण में किया था। आप लोग अभिभाषण पर चर्चा के दौरान यह विषय रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है, जिसमें सरकार की जवाबदेही तय की जा सकती है। बिरला ने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, अगर आपको देश की जनता ने नारेबाजी के लिए भेजा है तो यही काम करिए। यदि सदन चलाना चाहते हैं तो अपनी सीट पर जाकर बैठिए। विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ और ‘शेम शेम’ के नारे लगाए। मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सरकार ने इस घटना में मृतकों का सही आंकड़ा नहीं बताया।
वहीं राज्यसभा से विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया। विपक्ष महाकुंभ हादसे पर चर्चा की मांग कर रहा है। केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के केरल को पिछड़ा राज्य बताने वाले बयान पर और सुरेश गोपी की टिप्पणी पर सीपीआई सांसद पी संदोष ने कहा, जॉर्ज कुरियन का बयान केरल के लिए काफी नुकसानदेह है और एक मंत्री के तौर पर यह अनुचित है। मुझे नहीं पता कि बीजेपी के लोगों की मानसिकता क्या है।
उन्होंने केरल को कोई अतिरिक्त फंड आवंटित नहीं किया और वे लगातार इसे सही ठहरा रहे हैं। सुरेश गोपी और जॉर्ज कुरियन ने केरल की चेतना का अपमान किया है। नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्हें (सुरेश गोपी) मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि यह उनके द्वारा ली गई शपथ का स्पष्ट उल्लंघन है। मैंने इस पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है।
वह एक केंद्रीय मंत्री हैं और वह लोगों को जाति के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है।’