कोरबा। भगवान श्रीकृष्ण का जनमोत्सव आज भी मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कोरबा के सप्तदेव मंदिर, रामजानकी मंदिर, राम दरबार, सर्वेश्वर मंदिर बालकोनगर, दीपका, बांकीमोंगरा कटघोरा और अन्य स्थानों पर कार्यक्रम किये जा रहे हैं। आयोजन के लिए मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है। आज सुबह से यहां पर भक्तों की उपस्थिति दर्ज हुई।
सृष्टि के रचयिता व जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण जनमाष्टमी के रुप में कोरबा में हर्षोल्लास के साथ बुधवार की रात मनाया गया। आज भी इस पर्व को मनाया जा रहा है। इसके लिए हर तरफ उल्लास का वातावरण बना है। मुहूर्त में हेरफेर होने के कारण रक्षाबंधन की तरह जनमाष्टमी का पर्व भी दो दिन पड़ा। जिले के अनेक क्षेत्रों में बुधवार की रात यह पर्व मनाया वहीं अधिकतर लोग गुरुवार को प्रभु का प्राकट्य दिवस मना रहे हैं। कोरबा के सप्तदेव मंदिर में जन्माष्टमी पर्व मनाने की परंपरा पिछले कई दशक से जारी है। इस बार भी पूरे मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है। कई प्रकार के कार्यक्रम यहां किये जा रहे हैं। हजारों की संख्या में भक्तों की उपस्थिति इस मंदिर में होती है इसलिए विशेष प्रबंध मंदिर ट्रस्ट ने किये हैं। शाम से भक्तों की पहुंच के बीच रात्रि को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसी तरह रामजानकी मंदिर, सीतामणी, पुराना बस स्टैंड के साथ-साथ उपनगरीय क्षेत्रों और अंचल में भी जन्माष्टमी को लेकर खास तैयारी की गई है। इधर डीडीएम स्कूल रोड राम दरबार में जन्माष्टमी पर दही से भरी मटकी फोडऩे की प्रतियोगिता आज संपन्न होगी। कार्यक्रम का आयोजन राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने किया है। यहां पर विजेताओं को 51 हजार, 31 हजार और 11 हजार रुपए का पुरस्कार प्राप्त होगा।
मां यशोदा बनकर रिझाया भक्तों को
कपिलेश्वर नाथ महिला मंडल ने जन्माष्टमी पर बच्चों के लिए राधा कृष्ण बनो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया वहीं महिलाओं के लिए मां यशोदा बनो प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसके साथ ही डांस प्रतियोगिता भी आयोजित हुई। मटका फोड़ के साथ ही दही हांडी फोड़ो प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जहां बच्चों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया जिन्हें उपहार स्वरुप कई भेंट प्रदान किए गए। विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन के बाद प्रभु श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। रात के 12 बजते जोरदार बारिश हुई और भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। इस दौरान महिला मंडल द्वारा भगवान श्रीकृष्ण को 56 भो लगाया गया। चारों तरफ भगवान की जय जयकार होने लगी। बारिश के बीच बिजली गुल होने से लग रहा था कलयुग में द्वापर युग की तरह भगवान ने धरती पर अवतरण लिया हो।