, नई दिल्ली। मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूं लौटकर फिर आऊंगा। गुरुवार को मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान में महायुति सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार पद और गोपनीयता की शपथ ली तो सत्ता छोड़ने के समय कही गईं उक्त पंक्तियां लोगों को सहसा ही याद आ गईं। नई सरकार का यह शपथ ग्रहण समारोह महायुति के साथ-साथ केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के भव्य शक्ति प्रदर्शन का गवाह भी बना। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दर्जनभर केंद्रीय मंत्रियों और राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने भी शपथ ली। विभाग बंटवारे का मुद्दा अभी तय नहीं होने के कारण किसी भी अन्य मंत्री को शपथ नहीं दिलाई गई।
कैबिनेट में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। शपथ ग्रहण समारोह के बाद तीनों एक साथ सचिवालय गए, जहां फडणवीस ने पहली कैबिनेट बैठक की और बाद में प्रेस कान्फ्रेंस भी की। उन्होंने कहा कि लाडकी बहन योजना की धनराशि 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने के अपने चुनावी वादे को सरकार पूरा करेगी। विधानसभा के विशेष सत्र का सात से नौ दिसंबर तक आयोजन होगा जिसमें स्पीकर का चुनाव किया जाएगा।
दिलचस्प बात यह रही कि जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रालय का कार्यभार संभाला तो इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मौजूद थे। दोनों एक साथ सीएम कार्यालय में बैठे नजर आए।