सर्वे से आगे नहीं बढ़ सका प्रोजेक्ट का काम

कोरबा। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या कभी ट्रांसपोर्ट नगर अपनी नई प्रस्तावित जगह पर शिफ्ट हो भी पाएगा। पिछले पांच साल से चल रही कवायद सर्वे और नापजोख के चक्कर में सिमट कर रह गई और नगर निगम का यह कार्यकाल भी समाप्त हो गया।
विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के समय ट्रांसपोर्ट से संबंधित कामकाज को लेकर पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश सरकार ने ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना शहर के व्यस्त क्षेत्र में की थी। यहां पर ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ आवासीय परिक्षेत्र विकसित किया गया। बड़ी संख्या में भूखंड आवंटित किए गए। चार दशक में इस क्षेत्र ने जमकर विकास किया। वर्तमान में यहां जमीनों की कीमतें आसमान छू रही है। इन सबके बीच मुख्य मुद्दा यह है कि अलग-अलग कारणों से ट्रांसपोर्ट नगर को यहां से विस्थापित किया जाए। लोगों के सामने समस्याएं हैं और रोज-रोज की दिक्कतें ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ जाम के कारण जो चुनौतियां पैदा हो रही है उस पर लोगों को आपत्ति है। पिछले वर्षों में इस मांग ने जोर पकड़ा और नगर निगम ने इसे कार्य सूची में शामिल किया। खबर के मुताबिक 9 एकड़ से ज्यादा की जमीन की तलाश बरबसपुर इलाके में की गई है। यहां पर ट्रांसपोर्ट नगर को नए सिरे से शिफ्ट किया जाना है। कहा जा रहा था कि बहुत पहले यह सब पूरा हो जाना था। इस बीच मालूम चला कि प्रस्तावित क्षेत्र में कुछ जमीन निजी पार्टियों की है और वे उसे छोडऩे को तैयार नहीं है। इसी वर्ष अप्रैल में नगर निगम और प्रशासन को अंतिम रूप से यहां का सर्वे करना था जो अपरिहार्य कारणों से टल गया और इस पर आगे कुछ नहीं हो सका।
विकसित होगा नया निवेश क्षेत्र
लोगों का मानना है कि नई जगह पर ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्ट करने से एक तो कोरबा मुख्य शहर में बनी हुई समस्याएं दूर होगी और लोगों को राहत मिलेगी। वहीं दूसरी ओर ट्रांसपोर्ट नगर की शिफ्टिंग होने से नया निवेश क्षेत्र विकसित होगा और उद्यमियों को अवसर प्राप्त होंगे। कहा ज रहा है कि शहर का दायरा बढऩे के साथ कई प्रकार के परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसे में जनजीवन से जुड़े पक्षों को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जरूरत महसूस की जा रही है कि रिहायशी क्षेत्र से टीपी नगर को हटाए।