कोरबा। एसईसीएल की कुसमुंडा परियोजना के अधीन कार्यरत जय अंबे निजी कंपनी प्रबंधक ने खदान में कार्यरत मजदूर 110 कर्मचारियों को बिना सूचना व नोटिस दिए बगैर ही मनमानीपूर्वक काम से निकाल दिया है। इसके विरोध में कार्रवाई की मांग करते हुए छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना व भूविस्थापित संगठन ने मिलकर कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया है।
काम से निकाल देने से सैकड़ों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं व रोजी-रोटी की समस्या आ रही है। सोमवार को जनदर्शन में अपनी शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे मजदूरों ने जय अंबे कंपनी प्रबंधक व साइट इंचार्ज सहित अन्य लोगों पर आरोप लगाया है कि इन्होंने कंपनी के साइट में घुसकर दादागिरी व मारपीट कर जान से मारने की धमकी देते हुए सभी मजदूरों को डरा-धमका कर कंपनी से भगा दिया है। कंपनी प्रबंधन ने सभी मजदूरों को कंपनी में काम देने से साफ मना कर दिया है। मामले से मजदूरों ने कुसमुंडा प्रबंधन को भी अवगत कराया है बावजूद इसके कंपनी द्वारा संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। आरोप है कि थाना में शिकायत करने के बावजूद पुलिस खदान परिसर में बाहरी व्यक्तियों के द्वारा मजदूरों से मारपीट व धमकी पर कार्रवाई नहीं कर रही है। बता दें कि जय अंबे कंपनी प्रबंधनद्वारा कर्मचारियों की हाजिरी, पीएफ, मासिक पेमेंट में प्रतिमाह भारी भरकम कटौती किया जा रहा है। कलेक्टर जनदर्शन में आए मजदूरों ने जिलाधीश से मिलकर काम से निकाले जाने सहित अन्य मांगों पर ज्ञापन सौंपा है। कोई हल न निकलता देख आज प्रदर्शन किया गया। देखना है कि समाधान कब तक और किस हद तक होता है।