सीआईएसएफ ने पुलिस को सौंपा मामला
कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की कोरबा जिले में स्थित माइंस में कोयला उत्पादन भले ही नियम के अंतर्गत किया जा रहा हो लेकिन इसकी मार्केटिंग और ट्रांसपोर्ट के मामले में घालमेल बना हुआ है। सीआईएसफ में एक ऐसे ही मामले में दो वाहनों को पकड़ा है और उसे पुलिस के हवाले सौंप दिया। मामला कोयला के ओवरवेट का बताया गया है। पुलिस ने संबंधित तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करने की बात कही है।
सूचनाओं के अनुसार साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के गेवरा दीपिका का यह मामला है। जानकारी मिली है कि कोयला कंपनी के द्वारा एक पार्टी को कोयला आवंटित किया गया था जिसे वहां के जरिए गंतव्य को भिजवाने की व्यवस्था की जा रही थी। बताया गया कि वेब्रिज में वाहन की जांच करने और पेपर्स का निरीक्षण करने पर इसमें गड़बड़ी पाई गई। तकनीक के आधार पर की गई पड़ताल में मालूम चला कि परमिट में दर्शाई गई मात्रा से 16 टन ज्यादा कोयला लोड था। इस प्रकार की कारस्तानी कैसे हुई इसका पता चलना बाकी है लेकिन सीआईएसएफ ने इस गड़बड़ी को पकडऩे के साथ वाहन को आगे जाने से रोक दिया। पिछली रात्रि इस बारे में पुलिस को अवगत कराने के साथ भारी वाहन उसके सुपुर्द कर दिया गया। हालांकि इस तरह का यह पहला मामला नहीं है जिसमें ऐसी गड़बड़ी उजागर हुई है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की ओर से दी गई सूचना के आधार पर पुलिस ने कहा है कि मामला जांच में लेने के साथ आगे बढ़ेंगी। कॉल $फील्ड में इस तरह की कार्रवाई ने एसईसीएल प्रबंधन के साथ-साथ कोल लिफ्टर की मुश्किलों को बढा दिया है।
काफी समय से चर्चित रहा है यह कारोबार
कोरबा जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों में मनमानी तरीके से कोयला की अफरातफरी चल रही है। सांठगांठ के आरोप इसी को लेकर लगते रहे है। समय समय पर ऐसे प्रकरण में प्रबन्धन की व्यवस्था की पोल खुलती रही है और इस पर कई तरह के सवाल खड़े होते रहे है। एक बार फिर जो कारनामा सामने आया है उसने बता दिया है कि अपने ही लोगों के कारण साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स इंडिया को आर्थिक चपत लग रही है।
गेवरा से जुड़ा है मामला
5-6 फरवरी 2025 की मध्यरात्रि में गेवरा खदान के बैरियर नंबर 1 और 2 पर क्रमश: ट्रक क्रमांक सीजी-11बीजे7598 और सीजी-11बीजे-7600 को रोककर शक के आधार पर दोबारा वजन कराने के लिए भेजा गया। पुनर्वजन कराने पर ट्रक क्रमांक सीजी-11बीजे7598 का वजन 62.110 मीट्रिक टन पाया गया, जबकि उसकी आधिकारिक पर्ची के अनुसार 53.950 मीट्रिक टन होना चाहिए था। इसी प्रकार, ट्रक क्रमांक सीजी-11बीजे-7600 का वजन 61.450 मीट्रिक टन निकला, जबकि उसकी आधिकारिक पर्ची में 53.470 मीट्रिक टन दर्ज था। यानी, दोनों वाहनों में 8.16 मैट्रिक और 7.98 मीट्रिक टन अतिरिक्त कोयला लोड किया गया था। पूछताछ में ट्रक चालक ने बताया कि फिल कोल कंपनी के मुंशी पिंटू सिंह के दबाव में अतिरिक्त कोयला लोड किया गया था। कोयला लोडिंग के लिए पे-लोडर संख्या सीजी04एनडब्ल्यू4307 का उपयोग किया गया, और लोडिंग प्रक्रिया की देखरेख एसईसीएल के बी-2 कोल स्टॉक इंचार्ज, लोडिंग इंस्पेक्टर गुलाब सिंह राठौर कर रहे थे।