जांजगीर चांपा। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में महीने भर से मोतियाबिंद का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है जिसके चलते प्रभावित लोगों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें मजबूरन अधिक रकम खर्च कर निजी अस्पतालों में उपचार करना पड़ रहा है। ऑपरेशन थियेटर के आसपास इन दिनों कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है. जिसके कारण ऑपरेशन नहीं हो पा रहे है।
गौरतलब है कि अंधत्व निवारण राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत हर साल जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निशुल्क मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने का लक्ष्य रखा जाता है। खास बात यह है कि जिला चिकित्सालय जांजगीर में करीब महीने भर से मोतियाबिंद का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है जिसके चलते जरूरतमंद मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने वाले लोगों की दिक्कतें बढ़ गई है, उन्हें मजबूरन अधिक राशि खर्च कर निजी अस्पतालों में उपचार करना पड़ रहा है। टारगेट के अनुसार इस वित्तीय वर्ष जांजगीर जिले के पांच विकासखंड को मिलाकर 3500 मोतियाबिंद ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया है। तय लक्ष्य के विरुद्ध अब तक महज 800 लोगों का ऑपरेशन हो पाया है जबकि अभी भी 2700 से अधिक मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने वाले लोग कतार में खड़े हैं। वित्तीय वर्ष के हिसाब से अक्टूबर का महीना सातवां महीना माना जाता है उसे हिसाब से 5 महीने ही बचे हुए हैं वहीं 2700 चाकी लक्ष्य को पूरा करना बड़ी चुनौती है। जानकारी के अनुसार नवागढ़ विकासखंड में 983 लोगों की मोतियाबिंद ऑपरेशन का टारगेट रखा गया है जिसमें से 191 लोगों का ही ऑपरेशन हो पाया है इसी प्रकार अकलतरा विकासखंड में 649 लोगों के ऑपरेशन का टारगेट रखा गया है। जिसमें से 119 लोगों का ही मोतियाबिंद ऑपरेशन हो पाया है। बलौदा विकासखंड में 595 लोगों के मोतियाबिंद ऑपरेशन का टारगेट है जिसमें 105 का ही पूरा हो पाया है। पामगढ़ विकासखंड में 595 लोगों के ऑपरेशन का टारगेट रखा गया है जिसमें से 93 का ही लक्ष्म पूरा हो पाया है। इसी प्रकार बम्हनीडीह विकासखंड में 678 लोगों के मोतियाबिंद ऑपरेशन करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 178 का ऑपरेशन हो पाया है। इसी प्रकार अन्य सरकारी अस्पताल को मिलाकर 127 ऑपरेशन किए। जा सके है। कुल मिलाकर देखें तो 3500 के टारगेट में 813 का ऑपरेशन हुआ हुआ है, है वहीं 2700 से अधिक का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया जाना बाकी है। जिला अस्पताल में माहभर से ऑपरेशन कक्ष के पास निर्माण कार्य चाल रहा है। ऐसे में यहां मोतियाविंद का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है।
निजी अस्पतालों में 30 हजार तक खर्च
जांजगीर-यांपा जिले में करी 20 से अधिक निजी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मोतियाबिंद ऑफ किया जाता है। निजी अस्पतालो में ऑपरेशन के दौरान 30 हजार से अधिक की राशि खर्च हो जाती है जबकि सरकारी अस्पतालों में मोतियाविव का ऑपरेशन कि शुल्क किया जाता है यही वजह है कि ज्यादातर लोता निजी यो बजाय सरकारी अस्पतालों में मेलियाविद ऑपरेशन कराते है लेकिन जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन स्थानहर से बंद पड़ा हुआ है जिसके चलते ऑपरेशन कराने पहुंचे लोगों की दिक्कतें गई है। बताया जाता है कि जिला अस्पताल में इन दिनों कन्स्ट्रक्शन का काम चल रहा है जिसके चते मोडियाचिंद ऑपरेशन कारों बंद है।

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