जांजगीर चांपा। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा सरकार की विभिन्न योजनाओं को भली-भांति संचालित करने के लिए अधिकारियों की पोस्टिंग की जाती है परंतु जांजगीर चांपा जिले में पदस्थ अधिकारी आम जनता के साथ अन्य कर रहे हैं जो अपने चेंबर के सामने आम जनता से मिलने का समय एवं बिना अनुमति नहीं मिलने का पोस्टर लगाकर अंदर में आराम फरमाते रहते हैं। इसी कड़ी में जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर चांपा द्वारा भी इसी तरह का कारनामा किया जा रहा है जो विभाग इन दिनों अपने कारनामों को लेकर प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है सहायक शिक्षक प्रमोशन से लेकर जिला में संशोधन कर अटेचमेंट के नाम से खूब लूट मचाने पर प्रदेश भर में खूब चर्चा का विषय बना हुआ हैं वही जांजगीर चांपा जिला में शिक्षा विभाग हमेशा से अपने नए-नए कारनामों को लेकर चर्चा का विषय बना रहता है पूर्व में कई जिला शिक्षा अधिकारी आए हैं और अपने नए-नए कारनामों से सुर्खियां बटोरते रहे, कभी कोई नियम विरुद्ध अपने ही पुत्र को नियुक्ति कर चर्चा में रहा, तो कोई डीएमएफ मद से मनमाने तरीके से स्कूल के नाम टेबल कुर्सी खरीदी के नाम से भ्रष्ट्राचार कर प्रदेश भर में जांजगीर चांपा जिले का नाम खराब करने कोई कसर नहीं छोड़ी वही पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी एच आर सोम भी पीछे नहीं रहे और मनचाहा जगह शिक्षकों का अटैचमेंट करना एवं अडिय़ल रवैया के नाम से कर्मचारी और शिक्षकों से कभी तालमेल नहीं बैठ पाए। जिसको लेकर शिक्षक वर्ग ने ऊपरी स्तर पर शिकायत किए जिसको लेकर अभी यहां से ट्रांसफर भी हो गया वही नवपदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी सुश्री भारती वर्मा भी इससे पीछे नहीं है और आते ही अपने कार्यालय के सामने तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। आम लोगों के साथ विभागीय लोगों को दोपहर 3:00 बजे के बाद मिलने का समय एवं सांसद विधायक को कार्यालयीन समय में उपस्थित होने पर ही मिलने का नोटिस चस्पा कर नए तरीके से सुर्खियां बटोरने की प्रयास कर रही है। इस तरह की अल्प अवधि में कई तरह कामों को लेकर आए हुए दर्जनों लोग ऑफिस में आकर बिना काम हुए मायूस लौटने मजबूर लौट रहे हैं । यहां यह बताना आवश्यक है कि जितने बड़े अधिकारी उतनी बड़ी जिम्मेदारी सरकार ने दी होती है ताकि समय पर उपलब्ध होकर लोगों में समन्वय बिठाकर विभागीय कार्य को सहजता से निपटाया करें तथा लोगों को राहत देने का कार्य इन अधिकारियों को दी जाती है परंतु जिस तरीके से जिला शिक्षा अधिकारी सुश्री भारती वर्मा ने अपने कार्यालय के सामने पोस्टर चिपका कर जो दिशा निर्देश जारी की है यह लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। शायद इन अधिकारियों को यह मालूम नहीं है कि किसी भी व्यक्ति को कार्यालय में आने एवं अपनी बातों को रखने का अधिकार पूरे समय का है जो कार्यालय अवधि में कभी भी आकर विभागीय समस्याओं के निदान के लिए वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क कर सकते है परंतु उक्त जिला शिक्षा अधिकारी एवं अन्य अधिकारी पदस्थ होते ही अपने कार्यालय को अपना पुरखौती संपत्ति समझ बैठते हैं जो खुद से मिलने के लिए समय निर्धारित करते हैं और अनेक बहाने बनाकर तथा कार्यालय में व्यस्त होने की बातें कहते हुए गांव एवं दूर दराज से आए हुए लोगों से मिलने से परहेज करते हैं ऐसे में सरकार के छवि पर लोगों की सोच बदल जाती है, ऐसे अधिकारियों के हर धर्मिता एवं अफसर शाही रवैया से लोग अधिकारियों से नाराज होने के साथ-साथ सरकार पक्ष से भी नाराज हो जाते हैं।