जांजगीर-चांपा। कृषि प्रधान जांजगीर चांपा जिले में मिट्टी की सेहत बिगडऩे लगी है। दरअसल खरीफ फसल के पूर्व गुण परीक्षण लैब में 6 हजार सेंपल जांच के लिए मिले थे। जिनकी जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट उपलब्ध कराया जा रहा है। खास बात यह है अधिकांश सेंपल में नाइट्रोजन व फास्फोरस की कमी पाई गई है। ऐसे में रिपोर्ट उपलब्ध कराने के साथ मिटटी की बिगड़ी सेहत को सुधारने के लिए सुझाव भी दिए जा रहे है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय में संचालित मृदा परीक्षण लैब में इस बार खरीफ फसल लगाने से पूर्व हजार मृदा सैंपल लेकर जांच करने का लक्ष्य रखा गया था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप जांच करने के लिए किसानों द्वारा ग्राम सेवकों के माध्यम से मिट्टी का सेंपल लैब में भेजा गया। इस दौरान जून से लेकर 7 सितंबर तक लैब में प्राप्त सेंपलों को जांच करने का काम हुआ। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक प्राप्त सभी सैंपलों की जांच कर ली गई है। इस दौरान जो रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक अधिकांश मृदा सेंपल में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी मिली है। सर्वाधिक कमी नाइट्रोजन की है।
जिसका मुख्य कारण खेतों में छोड़े गए पराली को जलाना बताया जा रहा है। इधर मृदा परीक्षण विभाग द्वारा सेंपल जांच के बाद प्राप्त रिपोर्ट को आनलाइन पोर्टल में जारी कर दिया गया है। इसे कृषि विभाग द्वारा ग्राम सेवकों के माध्यम से किसानों तक वितरण कराने का काम किया जा रहा है। बताया जाता है कि इस दौरान मिट्टी में पाई गई कमी को सुधार करने के लिए आवश्यक सुझाव भी दिए जा रहे है।
जिले के पांच ब्लॉक को मिलाकर 6 हजार मिट्टी सैंपलों की जांच का टारगेट रखा गया था जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था उसके तहत मिट्टी सैंपलों की जांच पड़ताल की गई इनमें बलौदा ब्लाक से 1 हजार मिट्टी सैंपलों की जांच की गई है। अकलतरा विकासखंड से 1 हजार 400 मिट्टी सैंपलों की जांच हुई है, पामगढ़ ब्लॉक से 1 हजार 200 मिट्टी सैंपलों की जांच की गई है। नवागढ़ से 1 हजार 200 मिट्टी का नमूना लेकर उसे जांच पड़ताल किया गया। इसी तरह बम्हनीडीह ब्लॉक से 1 हजार 200 मिट्टी सैंपलों की जांच की गई है। इस हिसाब से देखा जाए तो सबसे अधिक मिट्टी का सेंपल अकलतरा से लिया गया है।