कोरबा। जिले के कोरबा एवं कटघोरा वनमंडल में हाथियों का उत्पात बढ़ता जा रहा है। यहां के जंगलों में बड़ी संख्या में घूम रहे हाथियों ने बीती रात जहां कोरबा वनमंडल के कोल्गा एवं कमरन गांव में ग्रामीणों के खेतों में उत्पात मचाते हुए बड़ी मात्रा में धान की फसल को रौंद दिया। वहीं कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज के कोटमर्रा नामक गांव में एक ग्रामीण महिला के मकान को ढहा दिया। दल से अलग घूम रहे एक दंतैल हाथी ने भी कुदमुरा रेंज के तौलीपाली एवं कुदमुरा में उत्पात मचाते हुए तीन ग्रामीणों के मकान को ढहा दिया। हाथियों के बढ़ते उत्पात से ग्रामीणों में आक्रोश है।
मिली जानकारी के अनुसार कोरबा वनमंडल के पसरखेत रेंज के कोल्गा क्षेत्र में 25 हाथी घूम रहे हैं जबकि कोरबा रेंज के कमरन गांव में 25 हाथियों की मौजूदगी बनी हुई है। कोल्गा में घूम रहे हाथियों ने बीती रात ग्रामीणों के खेतों में पहुंचकर भारी उत्पात मचाया और आधा दर्जन लोगों की फसल को रौंदकर बर्बाद कर दिया। जिससे संबंधित ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। कोरबा रेंज के कमरन गांव में मौजूद हाथियों ने भी उत्पात मचाते हुए 15 से अधिक ग्रामीणों के धान की फसल को तहस-नहस कर दिया है, जिसका आंकलन वन विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसी प्रकार कुदमुरा रेंज में एक लोनर हाथी घूम रहा है। इस हाथी ने जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान हाथी ने तौलीपाली में बालकराम राठिया के एक मकान को निशाना बनाते हुए क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं कुदमुरा में पुनीराम धनवार व मनमोहन राठिया के घरों में तोडफ़ोड़ कर नुकसान पहुंचाया है।
उधर कटघोरा वनमंडल के पसान, एतमानगर व केंदई रेंज में भी बड़ी संख्या में हाथी काफी दिनों से सक्रिय हैं। पसान रेंज के कोटमर्रा गांव में अचानक पहुंचे दो दंतैल हाथी ने उत्पात मचाते हुए मानकुंवर नामक ग्रामीण महिला के कच्चे मकान को ढहा दिया। वहीं इन ग्रामीणों द्वारा खेतों में लगाए गए थरहे को भी तहस-नहस कर दिया है। हाथियों के द्वारा लगातार उत्पात मचाए जाने से ग्रामीण दहशत में हैं वहीं उनमें गहरा आक्रोश भी देखा जा रहा है, जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है। ग्रामीणों द्वारा समय-समय पर सुरक्षा की गुहार जिला प्रशासन व वन विभाग से लगाई जाती रही है लेकिन न तो जिला प्रशासन द्वारा ही जिले में व्याप्त हाथी समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठा रहा है और न ही वन विभाग। जब-जब ग्रामीणों द्वारा आंदोलन किया जाता है तो उन्हें लेमरू अभ्यारण्य का सब्जबाग दिखाया जाता है, जिसे धरातल में लाने के लिए काफी समय लगेगा।