कोरबा से राजनीति विज्ञान में पीएचडी वाली पहली छात्रा
कोरबा। पूनम ज्ञानचंदानी ने कहा है कि शिक्षा एक ऐसा अहम् पहलू है जो व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में सम्मान दिलाने का माध्यम बनता है। इसलिए अपनी क्षमता ´को कभी कम न आंकें अैर इसका भरपूर उपयोग करें। इसके माध्यम से लंबे सफर को आसानी से पार करना संभव हो सकता है।
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय रायपुर से राजनीति विज्ञान में पीएचडी करने वाली पूनम कोरबा की पहली छात्रा बनी है। कोरबा जिले के साथ-साथ सिंधी समाज के लिए इस तरह का संयोग पहली बार बना है। पूनम की उपलब्धि से समाज के साथ जिला गौरान्वित हुआ। राजनीतिक जागरूकता में प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया की भूमिका : छत्तीसगढ़ के विशेष संदर्भ में, पूनम ने अपना शोध कार्य पूरा किया। उनके शोध निदेशक ए.बी.वाजपेयी यूनिवर्सिटी के डॉ. एस.एल.निराला थे। राजनीति विज्ञान में प्रथम पीएचडी अवार्ड हासिल करने से खुश पूनम ने तरूण छत्तीसगढ़ से विशेष चर्चा में दोहराया कि शिक्षा प्राचीनकाल से ही अपना महत्व प्रतिपादित करती रही है। गुरुकुल से शुरू हुई परंपरा ने वर्तमान में अपना स्वरूप जरूर बदला है लेकिन उसके मायने यथावत हैं। अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यवहारिक अनुभव भी लोगों के जीवन में काफी महत्व रखता है और यह अलग-अलग पड़ाव में अपने आपको रेखांकित करता है। पत्रकारिता के प्रभाव विषय पर 22 अप्रैल 2024 को पीएचडी की उपाधि हासिल करने वाली पूनम सामान्य परिवार से वास्ता रखती है जिन्होंने कई प्रकार के संघर्ष को सीधे तौर पर फेस किया। लेकिन शिक्षा के मामले में हार नहीं मानी। शुरू से ही प्रतिभाशाली होने के कारण उन्हें सकारात्मक लोगों से न केवल सद्भावनाएं मिली बल्कि अपेक्षित सहयोग प्राप्त हुआ और प्रेरणा भी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के समन्वय और मेलजोल का ही परिणाम कहना होगा कि उच्च शिक्षा के बाद उन्होंने राजनीति विज्ञान से पत्रकारिता के संदर्भ में शोध कार्य करने की मानसिकता बनाई और उन्होंने इसमें सफलता प्राप्त की। उन्होंने अपनी अब तक की सफलतम यात्रा के लिए अपनी मां ज्योति ज्ञानचंदानी की प्रेरणा को श्रेय दिया। साथ ही गुरुजनों व शुभचिंतकों को नमन किया, जिनके प्रयास से यह सब संभव हुआ। वे चाहती हैं कि संसाधनों के साथ तो कोई भी आगे बढ़ सकता है लेकिन असली आनंद क अनुभूति तब होती है जब धारा के विपरित चलते हुए आप आगे बढ़ें और उंचाई को प्राप्त करें।