
गुना, ३१ अगस्त । भाजपा ने हारी हुई सीटों को आकांक्षी विधानसभा क्षेत्र में रखते हुए पिछले दिनों उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। लेकिन इससे जिले की अन्य तीन विधानसभा क्षेत्रों में मजबूती से दावेदारी करने वालों की धड़कन बढ़ा दी है। खासकर, चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक ममता मीना का टिकट कटने से दावेदार पशोपेश में हैं। हालात यह है कि कई दावेदार प्रदेश से दिल्ली तक दौड़ लगाते नजर आ रहे हैं। दरअसल, इस बार भाजपा का टिकट को लेकर ट्रेंड बदला हुआ दिख रहा है। क्योंकि, प्रदेश में चुनाव की कमान केंद्र के हाथों में होने से स्थानीय नेता भी किसी दावेदार को भरोसा दिलाने का दंभ तक नहीं भर पा रहे हैं। क्योंकि, पार्टी की पहली सूची में चांचौड़ा में प्रत्याशी को लेकर जो फेरबदल हुआ है, उससे लग रहा है कि भाजपा पूरी तरह सर्वे के आधार पर ही टिकट दे रही है। लेकिन चांचौड़ा के घटनाक्रम के बाद गुना, बमोरी और राघौगढ़ में टिकट की दावेदारी में जुटे नेताओं की सांसें भी फूली हुई हैं। हालांकि, दावेदार अपने स्तर पर सामाजिक, धार्मिक और राजनैतिक कार्यक्रमों में आगे रहकर सक्रियता बनाए हुए हैं, लेकिन उम्मीदवारी को लेकर संशय की स्थिति में नजर आ रहे हैं। कांग्रेस से भाजपा में आए एक नेता के बारे में सुनने में आया कि उन्होंने दावेदारी को मजबूत करने चंद समर्थकों के साथ दिल्ली तक दौड़ लगा दी है। वहीं कई छोटे-बड़े पार्टी के नेता भी किसी नेता के जन्मदिन, धार्मिक कार्यक्रमों में स्वागत के बैनर-पोस्टरों के माध्यम से दम भरते दिख रहे हैं, तो लिंक जोड़ते हुए दावेदारी जताने में जुटे हैं। उम्मीदवार चयन में भाजपा-कांग्रेस की मशक्कत: एक ओर भाजपा के सामने दावेदारों की भीड़ से एक उम्मीदवार चुना जाना है, तो कांग्रेस को भी प्रत्याशी चयन में मशक्कत करना पड़ रही है। चांचौड़ा के बाद भाजपा को राघौगढ़, गुना और बमोरी में उम्मीदवार घोषित करना है। इसमें राघौगढ़ को छोड़ दें, तो गुना व बमोरी में दावेदारों के नाम ज्यादा हैं, जिससे पार्टी के सामने सामंजस्य बैठाकर प्रत्याशी घोषित करना होगा। इधर, उक्त दोनों विधानसभा में कांग्रेस को भी उम्मीदवार चयन में काफी मेहनत करना पड़ रही है। क्योंकि, यहां भीड़ तो है, लेकिन दमदार प्रत्याशी को चुनना चुनौती है।