
रांची: टेंडर में कमीशनखोरी की जांच कर रही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बड़े खेल का खुलासा किया है। छानबीन के दौरान जांच एजेंसी की पूछताछ में चीफ इंजीनियर समेत अन्य इंजीनियरों ने जानकारी दी कि पीएस संजीव लाल के जरिए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के लिए राशि वसूली जाती थी। मंत्री 1.35 फीसदी और अफसर-इंजीनियर 1.65 फीसदी कमीशन लेते थे। इंजीनियरों ने ईडी को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग के अलावा दो प्राधिकार झारखंड स्टेट रुरल रोड डेवलपमेंट ऑथोरिटी (जेएसआरआरडीए) और रुरल डेवलपमेंट स्पेशल डिवीजन (आरडीएसडी) में लेटर ऑफ एलोकेशन (एलओए) जारी होने के बाद 3 से 4 कमीशन सहायक या कार्यपालक अभियंता वसूलते थे। इसमें तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का कमीशन 1.35 तय था। इंजीनियरों और अन्य अफसरों का कमीशन 1.65 तय रहता था।
पूछताछ में इंजीनियरों ने यह भी बताया है कि मंत्री आलमगीर के लिए कमीशन राशि उनके पीएस संजीव लाल के जरिए वसूली जाती थी। बाकी कमीशन राशि चीफ इंजीनियर खुद वसूलते थे। संजीव लाल ठेकेदार सह अपने दोस्त मुन्ना सिंह और उसके भाई संतोष सिंह के माध्यम से ठेकेदारों से कमीशन वसूलता था। इसके बाद राशि दीनदयाल नगर या अभिनंदन मैरिज हॉल के समीप जहांगीर आलम को सौंप दी जाती थी। ये पैसे जहांगीर सर सैयद रेसीडेंसी स्थित अपने फ्लैट में जाकर रख देता था। वसूली गई राशि की कई खेप जहांगीर के फ्लैट में रखी गई थी, जहां ईडी ने छापेमारी कर 32.20 करोड़ नकद बरामद किए थे।