जम्मू, १३ नवंबर ।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अहमदाबाद इकाई ने टेरर फंडिंग के संदेह में शरदकालीन राजधानी जम्मू के बाहरी क्षेत्र बजालता में रहने वाले एक व्यक्ति के घर की तलाशी ली है। उक्त व्यक्ति के खाते में एनआईए, अहमदाबाद की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल हुमायूं खान नामक एक भगौड़े अपराधी द्वारा 15 लाख रुपये जमा कराए गए हैं।
जिस व्यक्ति के घर में तलाशी ली गई है, वह मूलत: जम्मू शहर के पीरमि_ा इलाके का रहने वाला है और उसका नाम साहिल अहमद मलिक उर्फ पारस मलिक है। साहिल बीते कुछ वर्ष से बजालता में रह रहा है। एनआईए अहमदाबाद की एक टीम ने गत सोमवार को उसके बजालता स्थित घर की तलाशी ली है। संबधित अधिकारियों ने बताया कि साहिल अहमद मलिक उस समय एनआईए के रडार पर आया जब उसके खाते में लगभग 15 लाख रूपये का अवैध लेन-देन सामने आया।उसके खाते में विदेश से 15 लाख रुपये गूगल पे के जरिए जमा हुए थे। उसके खाते में यह धनराशि हुमायूं खान नाम के एक अपराधी ने जमा की थी जो अहमदाबाद का रहने वाला है और एनआईए को उसकी तलाश है। जांच में पता चला है कि साहिल अहमद का सगा चाचा गुलजार अहमद मलिक पुत्र अब्दुल मजीद मलिक वर्ष 1992 में हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी बन गया था। वह बीते कुछ वर्ष से सियालकोट पाकिस्तान में रह रहा है। एनआईए की टीम ने साहिल व उसके कुछ स्वजनों से भी पूछताछ की है,लेकिन किसी को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि नही हुई है।संबधित अधिकारियों ने बताया कि साहिल की बहन हीना उर्फ इरम से भी पूछताछ की गई। उसने बताया कि जिस धनराशि की बात हो रही है, वह किसी आतंकी फंडिंग से जुड़ी नहीं है।
इरम ने बताया कि वर्ष 2021 में वह टूरिस्ट वीजा पर दुबई गई थी। उसने वहां काम करना शुरू कर दिया था। वर्ष 2023 में उसे दुबई ने वापस भारत भेज दिया था। हीना ने बताया कि उसने दुबई में जो पैसा कमाया था, उसने वह एक बांग्लादेशी एजेंट के खाते में ट्रांसफर किया था ताकि उसे आगे भारत में वह अपने या अपने किसी स्वजन के खाते में पहुंचा सके।उसने बताया कि उक्त बांग्लादेशी एजेंट ने ही हुमायूं खान के माध्यम से उक्त धनराशि उसके भाई के खाते में ट्रांसफर की है। उन्हें हुमायूं खान के बारे में अन्य कोई जानकारी नहीं है।संबधित अधिकारियों ने बताया कि एनआइए की टीम ने जांच के लिए साहिल अहमद से उसका एक आईफोन, उसके बैंक खाते का ब्यौरा, काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) और अन्य दस्तावेज जांच के लिए अपने कब्जे में लिए हैं। इसके साथ ही उसे पूछताछ के लिए 18 नवंबर, 2024 को अहमदाबाद स्थित एनआईए कार्यालय में पेश होने को कहा है। उन्होंने कहा कि एनआईए को संदेह है कि इस रकम का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के लिए किया जाना है।