
राजपुर। झारखंड के गढ़वा जिले के मझिआंव थाना क्षेत्र के ग्राम बिडाण्डा निवासी मुश्ताक अंसारी (39) राजपुर में शेखर दुबे के नाम से किराए के मकान में निवास कर रहा था। मकान मालिक को झांसा देकर उसने तीन लाख रुपये की ठगी भी कर ली थी। खुद को भूतपूर्व सैनिक बताकर राजपुर आकर रहने की जानकारी देकर वह लगातार गुमराह भी कर रहा था। कुछ और लोगों से भी उसके द्वारा ठगी किए जाने की सूचना है। मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने मुश्ताक अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है। नाम बदलकर रहने के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस की एक टीम को उसके गृह निवास जांच के लिए भेजा जा रहा है। राजपुर के वार्ड नंबर तीन में शेखर दुबे के नाम से एक व्यक्ति सितंबर 2023 से किराए के मकान में निवास कर रहा था। किसी को सेना का जवान तो किसी को भूतपूर्व सैनिक बताता था। इस बीच उसने कई लोगों को झांसा देकर लेन – देन भी किया। मकान मालिक से भी उसने रुपये ठग लिए थे। राशि वापस करने को लेकर सिर्फ आश्वासन देता था। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों उसका पर्स बस स्टैंड के पास गिर गया था। उसमें आधार कार्ड था। आधार कार्ड में फ़ोटो कथित शेखर दुबे का था लेकिन उसमें नाम मुश्ताक अंसारी लिखा हुआ था। लोगों को संदेह हुआ। रुपये वापस नहीं करने से पहले से ही लोग परेशान थे। ऐसे में पुलिस से मामले की शिकायत की गई। पुलिस ने तत्काल उसे हिरासत में ले लिया। इंटरनेट मीडिया में भी मामला प्रसारित होने लगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी डा लाल उमेद सिंह खुद राजपुर थाने पहुंचे। नाम बदलकर किराए में रहने वाले मुश्ताक से पूछताछ की। पूछताछ में नाम बदलने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। आरोपित के संबंध में और जानकारी जुटाने के लिए एसपी ने पुलिस की एक टीम को उसके झारखंड के घर तथा थाना क्षेत्र के लिए भेजा है। तकनीकी साक्ष्य के माध्यम से भी और जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है। आरोपित के विरुद्ध धारा 419,420 के तहत प्राथमिकी की गई है। आरोपित से ठगी के रकम से खरीदा हुआ एक नग प्लसर मोटर सायकल तथा दो नग मोबाइल बरामद किया गया है। कार्रवाई में उप निरीक्षक प्रमोद पाण्डेय, प्रधान आरक्षक श्याम लाल भगत, दीपचंद सिंह,आरक्षक संजय जायसवाल, शैलेन्द्र तिवारी, लखेश्वर पैकरा, जनकधारी सेन, सैनिक सुशील यादव सक्रिय रहे। राजपुर में जिस व्यक्ति के घर में आरोपित मुश्ताक किराए के मकान में रहता था,उसे झांसा दिया था। उसने खुद को सेना का जवान तथा शंकरगढ़ में नौकरी करने की बात कही थी। साथ में रहते-रहते घुल मिल गया। मकान मालिक उसे परिवार के सदस्य की तरह मानने लगा था। एक आरोपित ने मां का तबियत खराब रहने और उपचार कराने का झांसा देकर तीन लाख रुपये की ठगी कर ली।पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि कुछ और लोगों से भी उसने लेन-देन किया है। नाम बदलकर रहने का कोई ठोस कारण भी पुलिस नहीं उगलवा सकी है। नाम बदलने के पीछे आरोपित की मंशा जानने का प्रयास पुलिस द्वारा किया जा रहा है।