बलौदा। डायरिया से मौत के बाद अब मलेरिया से एक ग्रामीण की मौत हो गई। वही डेंगू के भी मरीज मिलने से लोग दहशत में है। सप्ताह भर पहले डायरिया से ग्राम करमंदा की एक महिला की मौत हुई थी। इसके बाद अब मलेरिया से ग्राम जूनाडीह में एक व्यक्ति की मौत हुई है। जबकि गांव के ही एक व्यक्ति डेंगू के लक्षण मिला है जिसका उपचार बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। वहीं ग्राम खोहा में भी डेंगू के दो मरीज मिले हैं।
बलौदा ब्लाक के ग्राम पंचायत करमंदा में सप्ताहभर पहले डायरिया के पीडि़त मिले थे। जिसमें से एक महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और करमंदा मेंशिविर लगाकर सर्वे किया गया। जिसमें करीब 90 ग्रामीण डायरिया से पीडि़त मिले थे। डायरिया के साथ ही अब मलेरिया और डेंगू लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। ग्राम पंचायत जुनाडीह निवासी रामशंकर यादव 65 वर्ष पिता बिसाहू यादव मलेरिया से पीडि़त था। 16 जुलाई को उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार रामशंकर यादव 7 जुलाई को ग्राम नेगुरडीह नवागढ ब्लाक में शादी में गया हुआ था ।
जहां उसकी तबीयत खराब होने की वजह से वहां इलाज कराया गया। शादी खत्म होने के बाद 14 जुलाई को वापस अपने गांव आया। उप स्वास्थ्य केंद्र जुनाडीह में टीम को सर्वे के दौरान रामशंकर यादव की मलेरिया रिपोर्ट पाजिटिव आने पर उसको सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जाने सलाह देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते ग्रामीण की जान चली गई। वहीं ग्राम जूनाडीह के ही प्रदीप कुमार यादव 45 वर्ष को तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसमें डेंगू के लक्षण मिले जिस पर उसे 15 जुलाई को बिलासपुर रेफर किया गया। उसका उपचार बिलासपुर के केके साव मेमोरियल अस्पताल में चल रहा है।
खोहा में मिले मलेरिया व डेंगू के मरीज
शनिवार को उप स्वास्थ्य केंद्र पोंच के अंतर्गत ग्राम पंचायत खोहा में भी एक मलेरिया व एक डेंगू के मरीज मिले है। ग्राम पंचायत खोहा के लखन लाल पटेल 39 वर्ष की रिपोर्ट मलेरिया पाजिटिव आया है, वही ग्राम खोहा के ही 14 वर्षीय प्रदीप पटेल डेंगू से पीडि़त मिला है। मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य की टीम द्वारा गांव में सर्वे किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग का सर्वे केवल औपचारिक
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलौदा में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से लोग परेशान है। बलौदा ब्लाक में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गांव गांव में जो सर्वे के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गंभीरता से सर्वे किया जाता तो डायरिया व मलेरिया से मौत होने से लोगों की जान बच सकती थी।
सर्वे के दौरान ग्राम जूनाडीह में मलेरिया से एक व्यक्ति मिला था जिसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उपचार के लिए सीएचसी जाने की सलाह दी गई थी । मगर उसकी मौत हो गई। जूनाडीह के एक डेंगू पीडि़त का इलाज बिलासपुर में चल रहा है। सर्वे के दौरान ग्राम पोंच में भी दो व्यक्ति डेंगू और मलेरिया से पीडि़त मिले हैं। विभाग के द्वारा सर्वे कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
रामायण सिंह
बीएमओ, बलौदा