
जांजगीर चांपा। शिक्षा में नवाचार को लेकर जहां जिले का सरकारी अमला महीनों से आंकड़ेबाजी कर हवा में हाथ पैर मार रहा है, वहीं धरातल पर स्थिति और भी बद से बदतर होने लगी है। मामला जिला मुख्यालय जांजगीर के उत्कृष्ट विद्यालय का है, जहां के बायोलाजी टीचर बगल के डीईओ आफिस में सेवा दे रहे हैं और बच्चों की पढ़ाई मोबाइल एप के भरोसे हो रही है। यही नहीं हिन्दी माध्यम में भी विषय विशेषज्ञ नहीं है।
जिला मुख्यालय जांजगीर के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय में भी बायोलाजी की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। यहां बायोलाजी टीचर नहीं होने के कारण दूसरे शिक्षक को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिनके द्वारा दीक्षा एप के माध्यम से स्क्रीन पर पढ़ाई कराई जाती है। इसी प्रकार हिन्दी माध्यम में अंग्रेजी और रसायन के शिक्षक नहीं है।
जिला मुख्यालय के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय का हाल में यह हाल है तो जिले के अन्य स्कूलों की क्या दशा होगी सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। कलेक्टर को अभिभावकों ने सुनाया है।
जिला मुख्यालय जांजगीर में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लगे स्वानी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षकों की कमी और प्रायोगिक कक्षा में संसाधनों के अभाव सहित अन्य समस्याओं से आला अधिकारी भी अंजान नहीं है। छात्र छात्राओं और अभिभावकों बे बताया कि पिछले महीने पीटीएम में सयुक्त कलेक्टर पहुंचे थे जिन्हें इन सारी समस्याओं से अवगत कराया गया था, तब उन्होंने अतिशीघ इसका समाधान करने की बात कही थी। इसके महीने बाद भी बाते नही बनी। शनिवार को पीटीएम में कलेक्टर आकाश छिकारा स्वयं पहुंचे थे। इस दौरान भी यह बातें सामने आई थी।
बायोलाजी टीचर के डीईओ आफिस में अटैच होने और हिन्दी माध्यम में अंग्रेजी व रसायन शास्त्र के शिक्षक नहीं होने की शिकायत लोगों द्वारा किया गया इस पर उन्होंने शीघ उचित पहल का आश्वासन दिया है, लेकिन अब तक समस्या जस की तस बनी हुई है। और शिक्षा सत्र का लंबा समय बीतने के बाद भी शिक्षक यहां पदस्थ नहीं किए गए हैं।