
कोरबा। छत्तीसगढ़ के रिटेल पेट्रोल एवं डीजल पंप व्यवसाईयों को दो रिटर्न फाईल करनी होती है । जीएसटी और की छ.ग. मूल्य सवंर्धित कर वैट की । टैक्स सलाहकार मो.रफीक मेमन ने वाणिज्क्य कर मंत्री टीएस सिंहदेव को पत्र लिखकर मांग की है कि व्यसाईयों को इस मामले में राहत दी जाए। पंप व्यवसाई अपनी मासिक जीएसटी की रिटर्न जीएसटीआर 3 बी में पेट्रोल एवं डीजल की क्रय विक्रय की जानकारी प्रस्तुत करता है डीजल एवं पेट्रोल को जीएसटी कांउसिल के द्वारा जीसएटी से मुक्त रखा गया है किन्तु पंप संचालको को अपनी जीएसटी की रिटर्न में पेट्रोल एवं डीजल के क्रय-विक्रय की जानकारी देनी होती है ल्यूब्रीकेंट में जीएसटी की देयता आती है। इसी प्रकार पेट्रोल एवं डीजल जीएसटी में मुक्त होने के कारण उसके छ.ग. मूल्य संवधित कर की देयता बनती है चंूकि पेट्रोल एवं डीजल पर छ.ग.शासन द्वारा प्रथम बिन्दु पर ही वैट प्राप्त कर लिया जाता है इसके पश्चात पेट्रोल पंप संचालको को अलग से उपभोक्ताओं से वैट चार्ज करने की आवश्यकता नही होती। इसके पश्चात भी राज्स के रिटेल पंप व्यवसाईयों को छ.ग. मूल्य सवंर्धित कर वैट का पंजीयन लेना अनिवार्य होता है वैट कर की मासिक/तिमाही विवरणी फाईल करनी पड़ती है एवं वार्षिक कर निर्धारण कराना आवश्यक होता है, जिसमें छ.ग. शासन को भी प्रकार का अन्य राजस्व प्राप्त नही होती है इसके पश्चात भी अनावश्यक रूप से पेट्रोल पंप व्यवसाईयों को वैट कर की विवरणी दाखिल करनी पड़ती है। पेट्रेाल एवं डीजल के क्रय एवं विक्रय की जानकारी व्यवसायी के जीएसटी रिटर्न से प्राप्त की जा सकती है।