कोरबा। जिले के दुरस्थ वनांचल एवं पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत कोरबी में पिछले 2022, एवं 23 से कार्य प्रारंभ हुई है जहां करोड़ो रुपए की लागत से चल रहे आत्मानंद स्कूल, एवं 50 सीटो वाली आदिवासी कन्या आश्रम ,का निर्माण कार्य हो रहा है,जिसकी लागत ढेड़ करोड़ से अधिक है लेकिन ठेकेदार ने अपने मनमाने ढंग से निर्माण धीन भवन की गुणवत्ता को दरकिनार कर उक्त भवन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई,
दिनांक 28 अगस्त बुधवार को जब इस संबंध में सरपंच श्रीमती शेषमणि मरावी, एवं उप सरपंच श्रीमती ईदु देवी जयसवाल, तथा ग्राम वासियों को जानकारी मिली तो तत्काल निर्माण कार्य स्थल कन्या आश्रम में पाया गया की बिना कोई जिम्मेदार सिविल इंजीनियर की अनुपस्थिति में भवन की ढलाई की जा रही थी, जिसमें ग्राम वासियों की एक टीम ने भवन की मौका निरीक्षण में यह पाया गया कि सेंट्रिग ,के कार्य में राड,15 सेंटीमीटर के स्थान पर मात्र 6 ईंच,राड लगा कर भवन की खानापूर्ति की जा रही थी, इतना ही नहीं काफी मात्रा में उक्त निर्माण धीन भवन में कई खामियां पाई गई, यह भी देखा गया कि भवन निर्माण स्थल पर ना ही किसी प्रकार की विभागीय सूचना पटल साईन बोर्ड ठेकेदार ने नहीं लगाया है, तत्पश्चात स्थानीय ग्रामीण एवं सरपंच पति राजूराम मरावी,व उप सरपंच पति मुरारी लाल जायसवाल, सहित सुर्य जीत,दिलीप राज, संजय कुमार, राजेन्द्र कुमार रजक, लकमी सिंह मरावी, शिबू राजवाड़े, दिनेश केराम,गो. ग. पा. से ब्लाक यूवा मोर्चा अध्यक्ष विद्वान सिंह, ग्राम पंचायत जजगी, सरपंच प्रतिनिधि सुरेंद्र कुमार, एवं लगभग दो दर्जन स्थानीय ग्रामीणों ने घटिया निर्माण कार्य को देखकर अचंभित रह गए और तत्काल निर्माण कार्य को बंद कराया गया, और संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराई गई, और देखते ही देखते ठेकेदार ने रात में ही निर्माण धीन भवन की लीपापोती कर अपने बचाव के लिए सेंट्रिग, के कार्य में जहां 9 ईंच, की राड दी गई थी वहां पर 6 ईंच का राड लगा दिया गया, इसके पश्चात दिनांक 29 अगस्त गुरुवार को विभाग के सिविल इंजीनियर ऋषिकेश बोनी, ने सरपंच, एवं उप सरपंच व ग्राम वासियों की उपस्थिति में भवन की बारिकी से छान बीन की तो शिकायत सही पाई गई, और कई खामियां उजागर हुई, तथा उक्त भवन का मूल्यांकन करने पर यह पाया गया कि मटेरियल में भी कमी एवं स्ट्रिंग, के कार्य में गुणवत्ता विहीन पाई गई,जिसके पश्चात ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि एवं ग्राम वासियों ने लिखित रूप से यह निर्णय लिया कि भवन की गुणवत्ता संदेह जनक है और बच्चों की भविष्य के साथ खिलवाड़ है ग्राम वासी असंतुष्ट हैं ,छत को तोड़वा कर मामले निष्पक्ष जांच कर पुन: ढलाई किया जाए, जांच उपरांत , निर्माण कार्य को रोके जाने का निर्णय लिया गया।