
जांजगीर । ब्लाक मुख्यालय पामगढ़ से राजधानी रायपुर को जोडऩे वाली सडक़ बरसात में बदहाल हो चुकी है। कीचड़ से सराबोर सडक़ पर पैदल चलना भी दूभर हो गया है। सडक के गड्ढों में बारिश का पानी भर गया है। इन गड्ढों में गिरकर वाहन चालक हादसों के शिकार हो रहे है।
पामगढ़ के अम्बेडकर चौंक से डोंगाकोहरौद, भिलौनी, ससहा, लाहौद, बलौदा बाजार होते हुए राजधानी रायपुर को जोडऩे वाली सडक़ की हालत बद से बदतर हो गई है। जरा सी बारिश होते ही सडक़ पर बने गड्ढों में पानी भर जाता है। ऐसे में वाहन चालकों को यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि कहां गढ्ढा है और कहां सडक़ बची हुई है। कई लोगों ने क्षतिग्रस्त सडक़ों की वजह से अपना रोज का दिनचर्या रास्ता ही बदल लिया है। स्थिति यह है कि बच्चे घर से स्कूल देरी से पहुंच रहे हैं तो कामकाजी लोगों को दफ्तरों में देरी से हाजिरी लगानी पड़ रही है। क्षतिगस्त सडक़ की वजह से आए दिन जाम भी लगने लगा है। बारिश के पानी में यह गड्ढे नजर भी नहीं आते हैं। इसके बाद भी संबंधित विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इन सडक़ों में बारिश से गड्ढे हो गए हैं, लेकिन मरम्मत नहीं की जा रही है। वर्तमान में अश्वनी होटल पामगढ़ से डोंगाकोहरौद दीपक साहू मकान तक सडक़ की ऊपरी खराब हो गई है और जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। जिसमें बारिश का पानी जमा हो रहा है। साथ ही सडक़ कीचड़ में तब्दील हो चुकी है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के अंतर्गत 2004 में यह सडक बनवाई गई थी। मरम्मत नहीं होने के कारण सडक़ की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है। इससे वाहन चालक हलाकान है। बैटरी चलित आटो चालक रामकुमार ने बताया कि इस रास्ते से जाना मजबूरी है। रास्ता इतना खराब है कि इस पर आटो लेकर चलना बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण देने जैसा है। कई बार आटो यहां सडक़ के गड्ढे में पलट भी गया है। जिससे यात्रियों को चोट भी आई है।
इसी तरह गोकुल पाटले का कहना है कि बदहाल सडक़ के कारण आवागमन में काफी दिक्कतें आ रही है। सडक की मरम्मत नहीं होने के कारण जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से आवागमन करना पड़ता है। ऑटो चालक ने बताया कि रोजी रोटी का सवाल है, इसलिए इस सडक़ पर आना मजबूरी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बदहाल सडक़ के कारण बरसात के मौसम में पैदल चलना भी दूभर हो गया है। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कई बार मांग करने के बाद भी सडक़ की मरम्मत नहीं की जा रही है। जिससे क्षेत्रवासी हलाकान है।