30 करोड़ खर्च होने हैं इस प्रोजेक्ट पर
कोरबा। रेल फाटकों की यहां-वहां उपस्थिति के कारण कोरबा में लंबे समय से लोग परेशानी झेलने को मजबूर हैं। एसईसीएल की खदानों से रेलमार्ग से कोयला परिवहन के कारण दिन में कई बार क्रासिंग बंद होने से परेशानियां निर्मित होती है। इसलिए संजय नगर क्रासिंग में रेल अंडरपास का निर्माण करने के प्रोजेक्ट पर विचार हुआ है। खबर के मुताबिक छत्तीसगढ़ सेतु निगम इसे तकनीकी स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेजा है। इसके पश्चात् आगे की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जिला खनिज न्यास मद से 15 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होगी। जबकि इतनी ही राशि रेलवे ने देना मंजूर किया है। निर्माण लागत को आपस में साझा करने की सहमति बनी है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार के गठन के बाद स्थानीय स्तर से यह मामला जनप्रतिनिधियों की जानकारी में लाया गया था और जरूरत बताई गई थी। कोरबा में समस्या का हल करने व यातायात का दबाव कम करने के लिए इस प्रकार के विकल्पों की जरूरत है। सैद्धांतिक और तकनीकी आधार पर पूरे मामले को संज्ञान में लाने के साथ रेलवे के साथ अधिकारियों ने बैठक की। जिसमें पिछले महीने अंडरपास बनाने पर सहमति हुई। खबर के मुताबिक छत्तीसगढ़ सेतु निगम की ओर से अंडरपास निर्माण से संबंधित प्रस्ताव और प्राक्कलन को तकनीकी स्वीकृति के लिए उपर भेजा गया है। इसका अध्ययन करने के साथ आगे का रास्ता साफ होने की उम्मीद है। बताया गया कि तकनीकी स्वीकृति उपलब्ध होने के बाद निर्माण एजेंसी के द्वारा कोरबा में इस प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य शुरू किया जाएागा। इस दौरान कामकाज के स्वरूप से लेकर इसके पैरामीटर और समयसीमा भी सुनिश्चित की जाएगी। इससे पहले कई मौकों पर राहत के विकल्पों को लेकर दावे किये जाते रहे लेकिन इससे ज्यादा और कुछ नहीं हो सका।
सीएसईबी चौक पर वाय शेप का फ्लाईओवर फाइलों में
कोरबा में ही सीएसईबी चौराहे पर वाय शेप वाले फ्लाईओवर की चर्चा कई वर्षों से हो रही है। नगर निगम ने अपने बजट में इसे न केवल शामिल किया बल्कि सर्वेक्षण के नाम पर बड़ी राशि खर्च कर दी। लंबी अवधि बीतने पर भी यह फ्लाईओवर फाइलों से उपर नहीं आ सका है। याद रहे सीएसईबी चौराहे पर दर्री और कोरबा शहर के साथ कलेक्टोरेट और बुधवारी की तरफ चार रास्ते खुलते हैं। इनकी एक तरफ डीएसपीएम पावर प्लांट को कोयला आपूर्ति करने वाली रेललाइन बिछाई गई है जो दिन में कई बार बंद होती है। इन कारणों से क्रासिंग पर घंटों जाम की स्थिति निर्मित होती है और आम लोगों के साथ-साथ एंबुलेंस, दमकल और अन्य वाहन के चालक मुश्किल झेलते हैं।