लछनपुर की सरकारी जमीन की जांच पूरी, गड़बड़ी उजागर
जांजगीर-चांपा। लछनपुर की सरकारी जमीन में जांच तीन अधिकारियों ने मिलकर की। जिसमें कई तरह की खामियां उजागर हो गई। यदि एसडीएम ने इस पर कार्रवाई की तो तत्कालीन तहसीलदार व पटवारी की कुर्सी जा सकती है। गौरतलब है कि लछनपुर की सरकारी जमीन में बड़ी तादात में गड़बड़ी की गई है। उक्त सरकारी जमीन में कई लोगों ने कब्जा कर बे सकीमती जमीन को अपने नाम कर लिया था। मामले की शिकायत जिला पंचायत सदस्य उमा राजेंद्र राठौर ने की थी। जिसमें कलेक्टर ने जांच टीम बनाई थी। जांच टीम में संयुक्त कलेक्टर, अधीक्षक भू अभिलेख एवं राजस्व निरीक्षक को शामिल किया था। इन तीनों अधिकारियों ने मामले की जांच की। 13 तिसंबर को अधिकारियों ने जांच की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दिया है। जिसमें व्यापक तौर पर गड़बड़ी उजागर हो गई है। खसरा पांचशाला वर्ष 2005-6 से 2009-10 तक खबरा नंबर 1084/1.2.3 में कुल रकबा 3.25 यह है संदेह के दायरे मे उक्त भूमि मेसर्स बृजेश नेचुरल फाइबर एवं फेब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर छोटे लाल अग्रवाल अतुल छोटे लाल अग्रवाल, श्रुति अग्रवाल, आदित्य अग्रवाल, के भागीदार महेश मोदी, दीपक कुमार अग्रवाल, आनंद सोनी, कवल जीत कौर सलूजा, के पास पंजीकृत विक्रय पत्र 12 अगस्त 2023 अनुसार खसरा 1083/3 से लेकर अन्य खसरा कुल रकबा 6 एकड़ का विक्रय किया गया है। उक्त खसरा नंबर.80 एकड़ खसरा पांचसाला में दर्ज भूमि जो मिसल अभिलेख में दर्ज भूमि से अतिरिक्त भूमि विक्रय पत्र अनुसार विक्रय कर दिया गया है। यह कूटरचना की श्रेणी में आता है। जिला पंचायत सदस्य उमा राजेंद राठौर ने यदि इस मामले में यदि कलेक्टर से कार्रवाई की मांग करे तो कूटरचना करने वाले तत्कालीन तहसीलदार, तत्कालीन पटवारी पर निलंबन की गाज गिर सकती है। साथ ही जिन्होंने सरकारी जमीन में कब्जा किया है उन्हें उक्त भूमि से बेदखल कर सकता है। अब देखना यह है कि आगे राजस्व अधिकारी कूटरचना करने वालों पर क्या कार्रवाई कर रहे हैं। उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई किया जाना उचित प्रतीत होता है।