कोरबा। आत्मरक्षा आपके सामाजिक कौशल को विकसित करने में मदद करती है। आत्मरक्षा कुछ हद तक मार्शल आर्ट के समान है। क्योंकि यह अपने बड़ों का सम्मान करने, सम्मान दिखाने और दूसरों के प्रति सहनशीलता का अनुशासन सिखाता है। इस प्रकार इन सामाजिक कौशलों को विकसित करके, आप अपने दृष्टिकोण के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण लाएंगे।आत्मरक्षा का उद्देश्यपूर्ण ढंग से व्यक्तियों के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा करना है। यह किसी को खतरनाक स्थितियों से निपटने और संभावित शारीरिक हमलों से बचने में सक्षम बनाता है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से,लडक़े, लड़कियों को मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक और शारीरिक रूप से इतना मजबूत बनना सिखाया जाता है कि वे संकट के समय में खुद की रक्षा कर सकें।आत्मरक्षा का अर्थ है किसी ऐसे व्यक्ति से अपनी रक्षा के लिए बल का प्रयोग करना जो आप पर हमला कर रहा हो यह किसी हमले या हमले के आसन्न खतरे को पीछे हटाने के लिए बल के उपयोग को संदर्भित करता है जो स्वयं या दूसरों या कानूनी रूप से संरक्षित हित के खिलाफ निर्देशित होता है। अंतर्राष्ट्रीय कानून में आत्मरक्षा से तात्पर्य सशस्त्र हमले के जवाब में बल प्रयोग करने के लिए राज्य के अंतर्निहित अधिकार से है। आत्मरक्षा सीखने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे स्पष्ट कारण यह है कि यदि आप कभी भी तत्काल खतरे में हों तो आप खुद या अपने परिवार की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहते हैं। ऐसा बहुत कम होता है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिलें जो आपको नुकसान पहुंचाना चाहता हो। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कोई योजना न होने से आप बेहद असुरक्षित हो जाते हैं। न्याय विभाग और रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्रों द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि 6 में से 1 महिला ने यौन उत्पीडऩ या यौन उत्पीडऩ के प्रयास का अनुभव किया है। पुरुषों के लिए, यह संख्या 33 में से 1 थी। कोई भी हमला कभी भी पीडि़त की गलती नहीं होती है और सभी हमलों को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन हम जानते हैं कि आत्मरक्षा की कला सीखने से पीडि़तों को अपने हमलावरों को रोकने या उनसे बचने में मदद मिल सकती है इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों को भी सतत रूप से आत्मरक्षा के गुण विशेष प्रशिक्षक द्वारा प्रतिदिन सिखाए जाते हैं। यहां अध्यनरत विद्यार्थी समय-समय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं एवं अपनी कला का प्रदर्शन कर स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक जीत कर विद्यालय एवं अपने परिवार का नाम रोशन करते रहे हैं। 29 जून 2024 को जूनियर क्लब कोरबा में आयोजित फोर्थ जिला ताइक्वांडो चैंपियनशिप में इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया और एक बार फिर साबित कर दिया कि इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थी किसी भी क्षेत्र में अपनी प्रतिद्वंदियों को मात देने में माहिर हैं। इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के ताइक्वांडो प्रतीक प्रशिक्षक श्री लीलाराम यादव के कुशल दिशा निर्देशन में विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया एवं कई पदक जीते। पदकों की श्रृंखला में स्वर्ण पदक विजेताओं की सूची में सारांश ,शिवम, निराली ,आदर्श, रितु ,हिमांगी एवं लकीराज ने स्वर्ण पदक पर अपनी मोहर लगाई एवं अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को धूल चटाई।
इसी प्रकार अन्य 9 अन्य विद्यार्थियों को रजत पदक एवं दो विद्यार्थी को कांस्य पदक प्राप्त हुआ। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि जिन प्रतिभागियों को इस प्रतियोगिता में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है उनका चयन 20 वीं छत्तीसगढ़ राज्य ताइक्वांडो चैंपियनशिप जो की रायगढ़ में आयोजित होगा में हिस्सा लेने का सुनहरा मौका मिलेगा। सभी प्रतिभागियों को अच्छी तरह से प्रसिद्ध प्रशिक्षित करने में विद्यालय के ताइक्वांडो प्रशिक्षक श्री लीलाराम यादव का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने विद्यार्थियों को उनके उज्जवल भविष्य की बधाई दी