नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को भारतीय न्यायपालिका के 50वें प्रमुख के रूप में अपने अंतिम कार्य दिवस पर कहा कि जरूरतमंदों और ऐसे लोगों की सेवा करने में सक्षम होने से बड़ी कोई भावना नहीं है, जिन्हें वे कभी नहीं जानते या उनसे कभी नहीं मिले। सीजेआई द्वारा मनोनीत सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की मौजूदगी वाली चार जजों की औपचारिक पीठ का नेतृत्व करते हुए डीवाई चंद्रचूड़ ने न केवल किए गए काम के लिए बल्कि देश की सेवा करने के अवसर के लिए भी गहरी संतुष्टि की भावना व्यक्त की।
10 नवंबर को होंगे रिटायर
जस्टिस चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर, 2022 को अपने प्रतिष्ठित पिता वाई वी चंद्रचूड़ के पद पर कदम रखा, जिन्होंने 1978 से 1985 के बीच सबसे लंबे समय तक सीजेआई के रूप में कार्य किया और 10 नवंबर, रविवार को पद छोड़ देंगे।