पहले भी पड़ चुका छापा लेकिन मिला कुछ नहीं
कोरबा। छत्तीसगढ़ में इम्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) के चरण लंबे अरसे बाद कोरबा में पड़े है। विधानसभा चुनाव के साथ-साथ त्योहारी सीजन में ईडी का निशाना इस बार भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कारोबारी मोदी परिवार पर रहा। उनकी गिनती कोरबा के बड़े कारोबारी के रूप में होती है। खबर के मुताबिक एक बार पहले भी उनके यहां इस तरह का छापा पड़ चुका है लेकिन मिला कुछ नहीं। अबकी बार क्या कुछ मिला, यह अभी स्पष्ट नही है।
कुछ महीने की छुट्टी के बाद एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय की सक्रियता खास तौर पर छत्तीसगढ़ में दिखाई दे रही है। कोरबा में कई ठिकानों पर इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम आ चुकी है और उसके द्वारा जरूरी कार्रवाई की गई है। इसी श्रृंखला में शुक्रवार को ईडी की टीम सुबह 5.00 बजे कोरबा मुख्य मार्ग पर भाजपा नेता गोपाल मोदी और दिनेश मोदी के निवास व व्यवसायिक परिसर में पहुची। उसके साथ केन्द्रीय पुलिस फ़ोर्स भी थी। अपनी कार्यशैली के अंतर्गत टीम ने मोर्चा संभाला। इस दौरान बाहर से किसी व्यक्ति को बीटा जाने की अनुमति नहीं दी गई और भीतर के व्यक्तियों को बाहर निकलने से रोक दिया गया। राइस मिल, पेट्रोल पंप, शॉपिंग मॉल जैसे कारोबार से जुड़े मोदी बन्धुओं के यहां ईडी की दबिश की खबर कुछ देर बाद सार्वजनिक हुई। इसे लेकर कई तरह की चर्चा चल पड़ी। इस बार के छापे का कारण साफ नही हो सका। और ना ही, ज्ञात हो सका कि आखिर एजेंसी को छापा में क्या कुछ हासिल हुआ। याद रहे एक और मौके पर इंहिब कारोबारी के यहां इम्फोर्समेन्ट डायरेक्टरेट की टीम पहुची थी जिसे खाली हाथ लौटना पड़ा था। छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष से इम्फोर्समेन्ट डायरेक्टरेट के द्वारा लगातार कार्रवाई की जाती रही है। इसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जेपी मौर्य, रानू साहू, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सौम्या चौरसिया, खनिज विभाग के उपसंचालक एसएस नाग, पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व एचडी त्रिपाठी सहित कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और उनके अलावा कई बड़े नाम शामिल रहे।
यह काम करती है ईडी
प्रवर्तन निदेशालय या इम्फोर्समेन्ट डायरेक्टरेट भारत साकार की एक जांच एजेंसी है, जो मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े क्राइम और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन को लेकर जांच करती है। ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002(पीएमएलए), विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम,1999 (फेमा), भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के अंतर्गत उसे ऐसे मामलों में जांच व कार्रवाई के अधिकार प्राप्त है।