जांजगीर चांपा ।आबकारी विभाग के प्लेसमेंट कर्मचारी इन दिनों दबाव में काम करने मजबूर हैं। एक ओर उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर सरकार हर रोज नए-नए नियम बना रही है। इसके चलते कर्मचारी परेशान हैं। कर्मचारियों का कहना है कि यदि ऐसी स्थिति रही तो कर्मचारियों को नौकरी छोडऩी पड़ सकती है। ज्ञात हो कि जिले में 44 शराब की दुकाने है। इसमें 12 से 14 कंपोजिट शराब दुकाने हैं। जहां एक ही दुकान में देसी व अंग्रेजी शराब की बिक्री की जाती है। इन दुकानों में प्लेसमेंट कर्मचारियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो पहले 12-12 घंटे की ड्यूटी इन पर भारी पड़ रही है। ऊपर से अब इन कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक्स मशीन लगाई जा रही है। जिसमें उनकी 12-12 घंटे उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। वहीं बड़ी समस्या यह है कि इन कर्मचारियों को इतना काम करने के बाद भी उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। नवंबर माह का वेतन अब तक नहीं मिला है। वहीं बड़ी समस्या सामने में यह आने वाली है कि कर्मचारियों के सेटअप में कटौती की जा रही है। जिसमें एक दुकान में केवल दो कर्मचारी ही पदस्थ होंगे। इससे उन्हें काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। यदि दुकान में भीड़ उमड़ी को दो कर्मचारी कैसे सम्हाल पाएगा। जबकि इन कर्मचारियों को केवल शराब की बिक्री करने की जिम्मेदारी नहीं होती बल्कि लाखों की शराब बिक्री करने के बाद उतने का हिसाब भी देना पड़ता है।
हाईटेक जमाने के अनुसार अब शराब की बिक्री भी हाईटेक होते जा रही है। किसी दुकान में कितने और कौन से ब्रांड की शराब है उसे ऑनलाइन अपलोड करना होगा। किसी दुकान में कितनी शराब है और कौन कौन से ब्रांड की शराब है इसकी स्थिति ऑनलाइन दिखाना जरूरी है। कोई भी ग्राहक कभी भी किसी भी दुकान से शराब के स्टॉक की जानकारी ले सकता है।