
अंबिकापुर। सामरी से कांग्रेस विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के विरुद्ध चुनाव लडऩे की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा है कि भाजपा यदि उन्हें अंबिकापुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित करती है तो वे भाजपा के साथ हो जाएंगे। इधर भाजपा ने छह महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में सरगुजा संसदीय सीट से टिकट देने के आश्वासन के साथ भाजपा प्रवेश का अवसर दिया है। चिंतामणि महाराज दो बार से कांग्रेस के विधायक है लेकिन इस बार उन्हें कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। सामरी सीट से कांग्रेस ने नए चेहरे विजय पैकरा पर दांव लगाया है।
रविवार को सरगुजा में बड़ा राजनैतिक परिदृश्य उभर कर सामने आया। संत गहिरा गुरु के सुपुत्र चिंतामणि महाराज टिकट नहीं मिलने से कांग्रेस संगठन से नाराज चल रहे हैं। उनके श्रीकोट स्थित आश्रम परिसर के नजदीक महाष्टमी को माता काली की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव था। इस धार्मिक अनुष्ठान में उत्तरी छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी प्रान्त झारखंड से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। इसी महोत्सव में शामिल होने के बहाने भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल हेलीकाप्टर से कुसमी पहुंचे थे। यहां भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय, भाजपा के संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव सहित अन्य स्थानीय नेताओं को साथ लेकर श्रीकोट पहुंचे थे। यहां प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के साथ ही उन्होंने चिंतामणि महाराज से अलग से मुलाकात की। लगभग 20 मिनट तक संसदीय सचिव व विधायक चिंतामणि महाराज के साथ भाजपा नेताओं की अलग से चर्चा भी हुई। भाजपा नेताओं के श्रीकोट आश्रम पहुंचने के कारणों को संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने खुद सार्वजनिक किया। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रवेश का प्रस्ताव दिया गया है। उन्हें आश्वस्त किया गया है कि यदि वे (चिंतामणि महाराज) भाजपा प्रवेश कर लेते हैं तो छह माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में सरगुजा संसदीय सीट से भाजपा का प्रत्याशी बनाया जाएगा। इसके लिए दिल्ली आलाकमान भी राजी है। चिंतामणि महाराज ने कहा-मैंने भी अपनी शर्त रख दी है। आज हर क्षण लोगों का विचार बदलता है। छह माह बाद क्या परिस्थिति बनेगी इसे कोई नहीं जानता।मैं अकेले नहीं हूं। मुझे अपने समाज को भी किसी भी निर्णय से पहले जबाब देना है। इसलिए मैंने अपनी ओर से सुझाव रखा है कि भाजपा ने अंबिकापुर विधानसभा सीट से अभी तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है।मुझे अंबिकापुर सीट से भाजपा प्रत्याशी घोषित कर दे तो मैं भाजपा प्रवेश कर लूंगा। उन्होंने कहा कि आज भाजपा की ओर से अंबिकापुर सीट से जो दावेदारी कर रहे हैं उन्हें छह माह बाद उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित कर दें और मुझे लोकसभा भेज दें इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी। चिंतामणि महाराज ने जिस अंबिकापुर विधानसभा सीट से भाजपा की ओर से टिकट की मांग की है उस सीट से कांग्रेस की ओर से उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव पिछले तीन बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। चौथी बार कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी घोषित किया है। कांगेस से टिकट कटने के बाद सामरी विधायक चिंतामणि महाराज ने तो चुप्पी साध ली थी लेकिन रामानुजगंज सीट से दो बार चुनाव जीत रहे कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने इस बार टिकट नहीं मिलने के पीछे उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को जिम्मेदार ठहरा गंभीर आरोप लगाए थे। बहरहाल भाजपा नेताओं की संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज से मुलाकात के बाद उत्तर छत्तीसगढ़ में नए राजनैतिक समीकरण को लेकर राजनैतिक गलियारों में चर्चा तेज हो चुकी है। चिंतामणि महाराज पहले भाजपा से ही जुड़े हुए थे। पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह के कार्यकाल के दौरान उन्हें छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। सामरी सीट से भाजपा की टिकट नहीं मिलने पर एक बार उन्होंने निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था। बाद में रिश्तों में खटास आ जाने के कारण उन्होंने भाजपा छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। पहली बार कांग्रेस ने उन्हें लुंड्रा विधानसभा से टिकट दिया था। इस चुनाव में जीत के बाद दूसरी बार 2018 मे उन्हें सामरी से प्रत्याशी घोषित किया गया था। सामरी सीट से उन्होंने रिकार्ड जीत दर्ज की थी। इस बार कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज का कहना है कि उन्होंने अपनी शर्त भाजपा के समक्ष रख दी है। यदि वे हमारी शर्त मान लेते हैं तो हम भी विचार करेंगे। पूर्व में एक बार ऐसा ही आश्वासन दिया गया था लेकिन बाद में उसे पूरा नहीं किया गया। भटगांव उपचुनाव के दौरान तत्कालीन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के साथ रामविचार नेताम आए थे। भाजपा के लिए काम करने बोला गया था। यह आश्वसन दिया गया था कि अभी आप काम करिए। आपकी कुर्सी रखी हुई है हम उसमें आपको बैठा देंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका था। इसलिए छह माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में टिकट देने के आश्वासन पर हम यकीन कैसे कर लें ? कल को कोई नहीं देखता है। आज मेरी शर्त मान ली जाती है तो निश्चित है हम सरगुजा संभाग में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि आज श्रीकोट में भाजपा के पूर्व विधायक सिद्धनाथ पैकरा भी उपस्थित हैं। सभी के सामने बात हुई है।
संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज से मुलाकात को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि श्रीकोट में माता काली के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव था। इसी महोत्सव में शामिल होने के साथ संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज से भी मुलाकात हुई है। उन्होंने कहा- चिंतामणि महाराज के साथ अन्याय हुआ है।वे दुखी हैं। इसी दुख में सहभागी बनने वे आए थे। क्या भाजपा चिंतामणि महाराज के साथ न्याय करेगी के सवाल पर बृजमोहन ने कहा- कांग्रेस पार्टी उनके साथ न्याय करेगी। वे भाजपा के विचारों से पहले भी सहमत थे और आगे भी सहमत रहेंगे। भाजपा प्रवेश को लेकर उन्होंने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। बृजमोहन ने कहा कि चिंतामणि महाराज से क्या चर्चा हुई है इसकी जानकारी वे ही दे सकते हैं।