नईदिल्ली। दिल्ली की अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मानहानि मामले में पांच महीने की कैद की सजा सुनाई है। साकेत कोर्ट ने दिल्ली के वर्तमान उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा 23 साल पहले दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में मेधा पाटकर को मई महीने में ही दोषी करार दिया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने अपने सामने मौजूद सबूतों और इस तथ्य पर विचार करने के बाद पाटकर को सजा सुनाई कि मामला दो दशकों से अधिक समय तक चला। हालांकि, अदालत ने सजा को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया, ताकि पाटकर आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकें। तत्कालीन केवीआईसी अध्यक्ष एवं वर्तमान में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि मामले में याचिका दायर की गई थी। साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर को आपराधिक मानहानि का दोषी पाया था।