पत्रचंडीगढ़ -पटियाला, 0८ दिसम्बर ।
पंजाब के किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर फरवरी से शंभू बॉर्डर पर मोर्चा लगाकर बैठे हैं। हरियाणा उन्हें आगे नहीं जाने दे रहा। छह दिसंबर को भी किसानों ने आगे बढऩे का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर किसानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। आज फिर किसान दिल्ली की तरफ बढ़े। शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की तरफ से किसानों के पहचान पत्र दिखाने को कहा जा रहा है। किसानों और पुलिस के बीच बहस शुरू हो गई है। हरियाणा पुलिस किसानों से दिल्ली जाने की अनुमति मांग रहे हैं। किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच शुरू कर दिया है।मीडियाकर्मियों को रोकने से नाराज किसान शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठ गए हैं। शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार केंद्र सरकार के साथ किसी तरह का गठजोड़ कर रही है। आज जिस तरह से मीडिया को रोका जा रहा है, सीएम और अरविंद केजरीवाल को आगे आकर इस पर सफाई देनी चाहिए। वे कहते हैं कि वे किसानों और मजदूरों के साथ हैं, फिर वे मीडिया को क्यों रोक रहे हैं? भगवंत मान सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया है। पहले हम केवल केंद्र सरकार के खिलाफ थे, लेकिन अब हमें राज्य सरकार से निपटना है। पंजाब सरकार केंद्र सरकार के कामों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। वहीं पटियाला के एसएसपी नानक सिंह ने कहा कि मीडिया को नहीं रोका गया है। हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। लेकिन मीडिया को जानकारी देना ज़रूरी था। पिछली बार हमें पता चला था कि 3-4 मीडियाकर्मी घायल हो गए हैं। उससे बचने के लिए हमने मीडिया को जानकारी दी… हम कोशिश करेंगे कि ऐसा न हो – लेकिन अगर कोई घायल होता है, तो उसे निकालने के लिए हमारे पास मेडिकल टीम है। सरवण सिंह पंधेर ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान के राज्यसभा में एमएसपी को लेकर दिए गए बयान को गुमराहपूर्ण बताया। कहा कि किसान फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी मांग रहे हैं। सरकार अगर देश को परंपरागत फसली चक्र से बाहर निकालना चाहती है, तो इस मांग को पूरा करना जरूरी है। इससे जमीनी पानी के स्तर में भी सुधार होगा।किसानों ने शंभू पर खुद अपनी बैरिकेडिंग लगा दी है। इससे आगे कोई भी जनता नहीं जाएगी। इससे आगे केवल सुरक्षा वालंटियर, 101 मरजीवड़ा जत्था के सदस्य और मीडिया कर्मी ही जाएंगे। किसानों ने दिल्ली कूच करने वाले 101 मरजीवड़ों की सूची जारी कर दी है। सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि वह राजपुरा अस्पताल में दाखिल किसानों का हालचाल जानने के लिए गए थे। शंभू बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ से छोड़े गए आंसू गैस के गोलों के कारण 16 किसान घायल हुए हैं। किसान हरप्रीत सिंह व गुरिंदर सिंह की हालत नाजुक है। इनके सुनने की क्षमता खत्म हो गई है।
चार किसानों को छोडक़र बाकी सभी किसानों को डिस्चार्ज कर दिया गया है।