नईदिल्ली, २२ नवंबर ।
राजधानी में स्मॉग से भरी प्रदूषित हवा से लोगों को राहत मिली है। स्मॉग छटने और कोहरे से भी राहत रहने से गुरुवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में गिरावट हुई। इससे प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है। इससे लोगों ने पिछले दिनों के मुकाबले ज्यादा साफ हवा में सांस ली। आसमान भी पूरे दिन साफ रहा। दिन में गुनगुनी धूप खिली रही। लोग ऐतिहासिक स्थलों पर सामान्य दिनों की तरह घूमते नजर आए और बच्चे भी घर से बाहर निकलकर खेलते दिखे। स्विस कंपनी के एप आईक्यूएयर के एक्यूआई का डाटा भी हवा की गुणवत्ता में हुए सुधार की तरफ इशारा कर रहा है। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार पांच दिन बाद बृहस्पतिवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स घटकर 400 से नीचे तो आ गया है लेकिन लेकिन हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में बताया है।आईक्यूएयर एप ने दिल्ली में दिन में 11.30 बजे दिल्ली का एक्यूआई 326 बताया। बाद में हवा की गुणवत्ता में सुधार होने से शाम साढ़े बजे बजे दिल्ली का एक्यूआई 186 बताया। सीपीसीबी द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार एक्यूआई 186 होने पर हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में मानी जाती है। आईएक्यूएयर एप ने द्वारका सेक्टर आठ में एयर इंडेक्स सबसे अधिक 296 बताया।दूसरी ओर सीपीसीबी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का औसत एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में 371 रहा। इसके एक दिन पहले दिल्ली का एयर इंडेक्स गंभीर श्रेणी में 419 था। इसके मुकाबले एयर इंडेक्स 48 अंक कम हुआ। सीपीसीबी के अनुसार सुबह में दिल्ली में 12 जगहों पर एक्यूआई 400 से अधिक था। बाद में एक्यूआई में सुधार हुआ। इससे शाम साढ़े पांच बजे दिल्ली के 35 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से छह जगहों पर एयर इंडेक्स 400 से अधिक रहा। जहांगीरपुरी का एयर इंडेक्स सबसे अधिक 433 व वजीरपुर का एयर इंडेक्स 427 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी देश के 253 एयर इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार देश में हाजीपुर का एक्यूआई सबसे अधिक 403 रहा। इसके बाद दिल्ली का एक्यूआई ज्यादा रहा।
सीपीसीबी के अनुसार एनसीआर के सभी प्रमुख शहरों में बृहस्पतिवार को एयर इंडेक्स खराब श्रेणी में 300 से नीचे आ गया। इसलिए दिल्ली के मुकाबले एनसीआर के शहरों में प्रदूषण से अधिक राहत रही। सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली में तीन दिन हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रह सकती है। आईआईटीएम पुणे के डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के डाटा के अनुसार बृहस्पतिवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों के उत्सर्जन की भूमिका 17.75 प्रतिशत रही। लेकिन प्रदूषण में पराली के धुएं की भूमिका कितनी रही यह आंकड़ा डीएसएस पर वास्तविक समय में जारी न करके दो दिन बाद जारी हो रही है। 19 नवंबर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की भूमिका 22.10 प्रतिशत थी।