भोपाल, 0४ अक्टूबर ।
यानी 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। आज कलशस्थापना के बाद आने वाले 9 दिनों तक माता रानी की आराधना की जाती है। नवरात्रि पर देशभर में मां को सबसे अधिक भेंट होती है तो वो है चुनरी, लेकिन भोपाल में मैया का एक ऐसा शक्ति स्थल है, जहां माता के चरणों में चुनरी से अधिक जूती-चप्पल चढ़ाई जा रही हैं। भक्त बाजार से जूती-चप्पल खरीद रहे हैं और मनोकामना पूरी करने की कामना लेकर मैया को जूती-चप्पल अर्पित कर रहे हैं। जितनी सुंदर मैया की चुनरी, उतनी की रंगबिरंगी हैं मैया के चरणों में रखी हुई जूतियां और चप्पलें। नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और मैया को जूतियां और चप्पलें भेंट की। पुजारीजी भी इन सूबसूरत जूती-चप्पलों को बारी-बारी से मैया के चरणों में रखते जाते हैं। नवरात्रि के पहले दिन ये तस्वीरें भोपाल के कोलार इलाके में मौजूद जीजीबाई मंदिर में देखने को मिली। यह मंदिर भोपाल के बंजारी क्षेत्र में कोलार की पहाडिय़ों पर मौजद है। जहां मां आदि शक्ति पुत्री के रूप में विराजमान हैं। इसी वजह से मैया को उन सभी चीजों को अर्पित किया जाता है, जो पांच-छह साल की बच्चियों को पसंद होती हैं। यहां पर जूती-चप्पल चढ़ाने के साथ देवी सिद्धिदात्री को चश्मा, छाता, कपड़े, इत्र, कंघा, घड़ी और श्रृंगार का सामान अर्पित किया जाता है। मंदिर के महंत और पुजारी ओमप्रकाश महाराज बताते हैं कि मुख्य प्रतिमा देवी मां सिद्धिदात्री महारानी की है, जो मंदिर में बेटी स्वरूप में विराजमान हैं। जीजाबाई माता मंदिर में मां की देखभाल एक छोटी बेटी की तरह की जाती है।
माता रानी खुश रहें, इसके लिए दिन में कई बार देवीजी के कपड़े बदले जाते हैं।
मंदिर समिति के नीलेश मारन मंदिर में भेंट चढ़ाने के लिए विदेश से भी भक्त आते हैं. पिछले 25-26 साल में माता 16 लाख से अधिक कपड़े बदल चुकी हैं। माता रानी को हर बार नई पोशाक पहनाई जाती है. कहा जाता है जो व्यक्ति सच्चे मन से यहां पर आकर माता को जूते-चप्पल और श्रृंगार का सामान अर्पित करता है। उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। नवरात्र में हर दिन मैया को इसी तरह की भेंट चढ़ती रहेगी। यहां चढऩे वाला हर सामान छोटी-छोटी कन्याओं को भेंट किया जा जाता है।