
देहरादून, २६ जुलाई [एजेंसी]।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरिम राजधानी देहरादून में भूमि संबंधी विक्रय अभिलेखों (रजिस्ट्री) में जालसाजी प्रकरण पर कड़ा रुख अपनाया है। जिले के अभिलेखागार के संपूर्ण अभिलेखों की समयबद्ध और गहन जांच करने के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (स्ढ्ढञ्ज) गठित की है। सेवानिवृत्त आइएएस सुरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गठित एसआइटी इस प्रकरण में पंजीकृत मुकदमे त्वरित विवेचना का अनुश्रवण भी करेगी।
एसआइटी का कार्यकाल चार माह होगा।देहरादून में भूमि संबंधी विक्रय अभिलेखों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और जालसाजी से हडक़ंप मचा हुआ है। अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद शासन की नाक के नीचे यह सिलसिला अब तक थम नहीं सका। अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है कि बड़े पैमाने पर जमीन एवं परिसंपत्तियां खुर्द-बुर्द की गई हैं। जिले के भूमि संबंधी विक्रय अभिलेखागार की भूमिका पर अंगुली उठ रही है। मुख्यमंत्री धामी ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया। जालसाजी के प्रकरणों को देखते हुए उच्च स्तर पर गहन मंथन के बाद उन्होंने जांच के निर्देश दिए। इसके बाद वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने मंगलवार को एसआइटी के गठन के आदेश जारी किए।सेवानिवृत्त आइएएस सुरेंद्र सिंह रावत को एसआइटी का अध्यक्ष बनाया गया है। सुरेंद्र सिंह रावत की छवि तेजतर्रार व ईमानदार अधिकारी की रही है। इसके अन्य दो सदस्यों में डीआइजी कानून व्यवस्था, पुलिस मुख्यालय पी रेणुका देवी एवं स्टांप एवं निबंधन मुख्यालय के सहायक महानिरीक्षक अतुल कुमार शर्मा सम्मिलित हैं। समिति को इस विषय में विशेष सदस्यों को आवश्यकता के अनुसार आमंत्रित करने के लिए भी अधिकृत किया गया है।एसआइटी जांच के दायरे में आए अभिलेखागार के संपूर्ण अभिलेखों की समयबद्ध एवं गहन जांच करेगी। फर्जीवाड़े में दोषी कर्मचारियों को चिह्नित कर उनका उत्तरदायित्व निर्धारित करने के संबंध में संस्तुति देगी।