
कोरबा। बीते वित्तीय साल में कोल इंडिया की दो कोयला कंपनी एनसीएल व डब्ल्यूसीएल उत्पादन लक्ष्य हासिल करने में सफल रही। सर्वाधिक कोल प्रोडक्शन से कोल इंडिया की नंबर वन कंपनी बनी एमसीएल भी लक्ष्य नहीं पा सकी।203.94 मिलियन टन लक्ष्य के मुकाबले 199.11 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर पाई, जो कुल उत्पादन लक्ष्य का 97.63 फीसदी रहा। एसईसीएल ने पिछले कोल प्रोडक्शन से 20 मिलियन टन से अधिक की बढ़ोत्तरी कर पॉजीटिव ग्रोथ से 187.4 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया, जो कंपनी की स्थापना के बाद से अब तक के इतिहास का सर्वाधिक कोयला उत्पादन है। मगर वित्तीय साल 2023-24 के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई। दो कोल कंपनियां एनसीएल व डब्लयूसीएल ने लक्ष्य पा सकी। एनसीएल कोल कंपनी ने 134.99 एमटी के लक्ष्य के मुकाबले 137.35 एमटी उत्पादन किया।वहीं डब्ल्यूसीएल ने 67.99 एमटी के लक्ष्य के मुकाबले 70.20 एमटी उत्पादन किया है। एसईसीएल ने ओबीआर हटाने में 323.2 मिलियन क्यूबिक मीटर व डिस्पैच 180.5 मिलियन टन तक करने में सफल रही। एनसीएल व डब्लयूसीएल के अलावा अन्य कोयला कंपनियों के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाने से कोल इंडिया 780.20 मिलियन टन का टारगेट पूरा नहीं कर पाई। 6.57 मिलियन टन पीछे रह गई। 773.63 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ।अगले वित्तीय साल में एक बिलियन टन उत्पादन पर फोकस चालू वित्त वर्ष में कोल इंडिया को 838 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है। मगर सीआईएल कंपनी का फोकस अगले वित्तीय साल में एक बिलियन टन कोयला उत्पादन पर है। कोल इंडिया ने सीएचपी, साइलो के माध्यम से यंत्रीकृत लोडिंग, रेल परियोजनाओं के अलावा ईसी, एफसी, भूमि, निकासी अवसंरचनाओं जैसे संसाधनों को पूरा करने पहचान कर ली है और इस पर काम शुरू कर दिया है। ताकि कोल इंडिया की कोयला कंपनियों की बदौलत 1 बिलियन टन उत्पादन योजना अनुसार हो सके।
























