वार्ड 29 में स्थानीय प्रत्याशी नहीं मिला

कोरबा। नगरीय निकाय चुनाव में प्रमुख दलों को कई वार्डों में चुनाव लडऩे के लिए प्रत्याशी की तलाश काफी मुश्किल भरी हो गई। तमाम तरह से आ रही जानकारी के बावजूद वार्ड के कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी बनाने में रूचि नहीं ली गई। बाहर से दूसरे कार्यकर्ता को पेश किया गया। वार्ड 29 मुड़ापार में अब भाजपा के सामने जीत हासिल करने की चुनौती इसलिए है क्योंकि यहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा को लगभग 1000 वोट की बढ़त प्राप्त हुई थी।
खबरों के मुताबिक परिसीमन से पहले वार्ड क्रमांक 26 के रूप में पहचाने जा रहे मुड़ापार वार्ड में अब नगरीय निकाय चुनाव दिलचस्प होने के साथ कठिन हो गया है। प्रदेश में भाजपा की सत्ता और कोरबा से इसी पार्टी का विधायक होने के कारण संगठन की अपेक्षा बढ़ गई है कि कम से कम इस बार इस वार्ड से पार्टी की जीत होना चाहिए, चाहे प्रत्याशी कोई हो। भाजपा ने रामकृष्ण चौहान को प्रत्याशी बनाया है। जबकि स्थानीय स्तर से मंडल के लिए हेमंत चौहान का नाम भेजा गया था। कतिपय कारणों से कोर कमेटी ने रामकृष्ण को यहां से फाइनल करने के साथ जीतने के लिए रणनीति बनाई है। जिम्मेदारी स्थानीय कार्यकर्ताओं को दी जरूर गई है लेकिन कहा जा रहा है कि इसमें से एक टीम सुभाष ब्लॉक कालोनी वाले वार्ड में शिफ्ट हो गई है और उसका ध्यान वहां पर टिका हुआ है। ऐसे में मुड़ापार वार्ड पहले की तरह भाजपा के लिए गड्ढा बना हुआ है। जातीय समीकरण चाहे जो हो लेकिन अज्ञात कारणों से भाजपा को स्थानीय चुनाव में लगातार कड़वे अनुभव मिलते रहे हैं।
छोड़ दी रेलवे की नौकरी
सबसे हैरानी की बात यह है कि नगरीय निकाय चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी के पास रेलवे की अच्छी-खासी नौकरी थी और उसमें मासिक वेतन भी पर्याप्त था। राजनीति का चस्का लगने पर उसने नौकरी को अलविदा कह दिया। सामाजिक कार्यकर्ता की पहचान बनाने और निगम की राजनीति के चक्कर में अब जोखिम इस बात की है कि क्या राजनीति का यह रास्ता कांटों से मुक्त हो सकेगा।
रामसागरपारा में इसलिए मुश्किल
वहीं कोरबा के वार्ड क्रमांक-1 रामसागरपारा में कहानी उलझी हुई है वह भी कांग्रेस के लिए। यहां से कांग्रेस की ओर से जितेंद्र सोनी, आकाश प्रजापति और मालती सराफ ने पिछड़ा वर्ग से नामांकन भरा है। संवीक्षा की प्रक्रिया में इनके नामांकन वैध पाए गए हैं। फिलहाल तीनों अभ्यर्थी इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनमें से कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी कौन है और वह अपना प्रचार कब शुरू करे। वजह यह बताई जा रही है कि अब तक किसी के नाम से बी-फार्म जारी नहीं किया गया है। संगठन के पदाधिकारी भी इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं जिससे अभ्यर्थी परेशान हैं।