खेल करने का मौका मिला पीडीएस संचालकों को
कोरबा। लोकसभा चुनाव और गर्मी के मौसम को ध्यान में रखकर की गई व्यवस्था के अंतर्गत कोरबा जिले में शहरी और ग्रामीण राशन उपभोक्ताओं को अप्रैल और मई का चावल पिछले महीने वितरित कर दिया गया। जबकि मई महीने केवल शक्कर दी गई, चना नहीं दिया गया। कारण बताया जा रहा है कि चना का आवंटन ही नहीं मिला है इसलिए यह ड्यू रहा। नया टेंडर होने के बाद ही यह सुविधा मिल सकेगी। लेकिन इसी चीज का फायदा अनेक शातिर पीडीएस संचालक ले रहे हैं जिन्हें इस दौर में चना के नाम पर बढिय़ा खेल करने का मौका मिल गया है।
अलग-अलग कारणों से कई मौकों पर ग्राहकों को राहत देने की व्यवस्था सरकार करती रही है। समयसीमा बढ़ाने तो कभी दूसरे स्तर पर। चुनाव व गर्मी को ध्यान में रख अप्रैल और मई महीने का चावल का वितरण एक महीने पहले ही एडवांस में कर दिया गया। मई में ग्राहकों को यूनिट संख्या के आधार पर सिर्फ शक्कर प्रदाय की जा रही है, चना को लेकर कहा जा रहा है कि इसका कोटा नहीं मिला है इसलिए दिया जाना संभव नहीं है। लेकिन सूचनाएं मिली है कि बहुत सारे मामलों में पीडीएस संचालकों ने संबंधितों के कार्ड में प्रदाय की गई मात्रा वाले कालम में चना को भी गोल कर दिया है यानि यह मात्रा उन्हें दे दी गई, जबकि मामला विपरित है। कई बार लोग पूछताछ कर इस चीज को भूल जाएंगे और अगले महीने की बारी आने तक यह किस्सा न केवल खत्म हो जाएगा बल्कि इस क्षेत्र में महारथ रखने वाले पीडीएस संचालकों को बड़ा खेल करने में सफलता मिल जाएगी। अनेक मौके पर इस तरह की शिकायतें खाद्य विभाग तक पहुंची है जिन पर खास कार्रवाई नहीं की गई। शिवाजी नगर, महाराणा प्रताप नगर, राताखार, मुड़ापार और बालकोनगर क्षेत्र के साथ-साथ ऐसी अनेक दुकानें हैं जो अक्सर विवादों में रहीं हैं लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पेटी कांट्रेक्ट पर भी संचालन
खबर अनुसार कोरबा जिले के शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कई दुकानें पेटी कांट्रेक्ट के आधार पर चल रही है। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों की इसमें खास भूमिका है। दुकानों का पंजीकरण किसी और नाम से कराया गया है लेकिन चलाने वाले चेहरे कोई और हैं। जानकारी यह भी मिली है कि दुकानों से मासिक वसूली का खेल खाद्य अमला बराबर कर रहा है इसलिए भी अनेक मामलों में कार्रवाई का सवाल नहीं उठता।
नए टेंडर की प्रतीक्षा
पुराने टेंडर की अवधि समाप्त हो गई है। इसलिए चना का आवंटन नहीं आया है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद नया टेंडर संभावित है। उसके बाद ही स्थिति सामान्य हो सकेगी।